RUDRAPRAYAG

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए संगठित व सक्रिय हों ग्रामीण : मनविंदर कौर

बहुमुखी विकास के लिए ग्रामीणों को समूह बनाकर तथा स्वयं भी सक्रिय होकर आगे आना चाहिए

ऐसे ग्रामीणों के लिए जिले का प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी पूरी तरह से करेंगे सहयोग प्रदान 

रमेश पहाड़ी 

रुद्रप्रयाग : जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने कहा है कि सरकार द्वारा ग्रामीणों के बहुमुखी विकास के लिए अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं। उनका लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को समूह बनाकर तथा स्वयं भी सक्रिय होकर आगे आना चाहिए। इसमें जिले का प्रत्येक विभाग एवं अधिकारी पूरी तरह सहयोग प्रदान करेंगे।

बौंसारी गधेरे के पुनर्जीवन में शामिल ग्राम जल संरक्षण-सम्वर्द्धन समिति क्वीली, कुरझण, ढोंढ़िक और आगर की अध्यक्षों एवं सदस्यों की बैठक को सम्बोधित करते हुए सुश्री कौर ने कहा कि मनरेगा में ही ग्रामीणों के विकास के अनेक ऐसे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाये जा रहे हैं, जिनसे सीधे ही रोजगार प्राप्त करने के साथ-साथ बेरोजगार व्यक्ति अनेक उत्पादक गतिविधियां आरम्भ कर अपने अलावा कई अन्य लोगों को भी गाँवों में ही सम्मानजनक रोजगार दे सकते हैं।

उन्होंने कहा कि न काम की कमी है और न संसाधनों की। कमी है तो उत्साही लोगों की है। यदि कुछ कर्मशील लोग समूह बनाकर दुग्ध उत्पादन, सब्जी व मसाला उत्पादन, फलोत्पादन, मत्स्य पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन जैसे आसान और उपयोगी कार्यों को आरम्भ करना चाहें तो उनकी पूरी मदद की जाएगी। इसके लिए समूह गठित कर कार्य चिह्नित करें और आवेदन जिला विकास कार्यालय में दें तो उन्हें समुचित मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को घर पर ही पोषक आहार मिल पाए, इसके लिए न्यूट्री गार्डन (पोषण वाटिका) हर गाँव में बनाने की भी पहल की जा सकती है। इससे महिलाओं में व्याप्त रक्ताल्पता और बेरोजगारी की समस्या का कारगर समाधान सम्भव है। उन्होंने बताया कि इसी विकास खण्ड के कमेड़ा ग्राम सभा के धुँएली गाँव में इसका सफल क्रियान्वयन महिला समूह द्वारा किया गया है। इससे भी सीख ली जा सकती है।

बौंसारी गधेरे के पुनर्जीवन में सक्रिय जनभागीदारी जुटाने में लगे जल संरक्षण-सम्वर्द्धन न्यास, रुद्रप्रयाग के अनुरोध पर कुरझण के पंचायत घर में आयोजित इस बैठक में न्यास के सचिव सतेंद्र भण्डारी ने कहा कि ग्राम जल समितियों की सदस्य बिना किसी मानदेय के बौंसारी गधेरे के पुनर्जीवन के कार्यों में पूरे मनोयोग से जुटी हुई हैं। स्थानीय महिलाओं की सक्रिय सहभागिता को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उन्हें अपने गाँवों में ही रोजगारपरक उत्पादक उद्यम उपलब्ध कराने का आग्रह न्यास ने जिलाधिकारी जी से किया था। जिलाधिकारी सुश्री वन्दना सिंह ने गत माह ही इस कार्यक्रम का स्थलीय निरीक्षण कर इसे अत्यंत उपयोगी बताया था।

बैठक में उपस्थित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. रमेश सिंह नितवाल ने उन्नत पशुपालन का सुझाव देते हुए बताया कि पहाड़ों में आर्थिक कृषि व बागवानी के साथ पशुपालन को व्यवस्थित स्वरूप देकर ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत करने की बड़ी सम्भावना मौजूद है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को अधिक दूध देने वाली प्रजातियों को बढ़ावा देना चाहिए, जो मामूली तकनीकी ज्ञान का उपयोग कर काफी अधिक लाभ दे सकती हैं। उन्होने कहा कि बाहर से उन्नत पशु लाने की बजाय स्थानीय पशुओं का ही उन्नत तकनीक से गर्भाधान करके उनकी नस्ल सुधार कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

उद्यान निरीक्षक श्री प्रकाश आर्य ने फलोत्पादन, दुग्ध विकास अधिकारी श्री एस के शर्मा ने दुग्ध उत्पादन व उसके विपणन की सुविधाओं, मत्स्य निरीक्षक श्री संजय बुटोला ने मछली पालन सम्बन्धी सुविधाओं एवं उनके लिए सरकार द्वारा संचालित प्रोत्साहन कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा विश्वास दिलाया कि इन कार्यक्रमों के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाएं इच्छुक लोगों को दी जायेंगी। रिलायंस के टीम लीडर श्री प्रकाश ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों और कार्यकारी शक्ति के बीच समुचित समन्वय से ही कार्यक्रम सफल होते हैं। यदि काम करने की मजबूत भावना नहीं होगी तो सफलता नहीं मिल सकती।

न्यास की सदस्य और ग्राम जल संरक्षण-सम्वर्द्धन समिति क्वीली की अध्यक्ष श्रीमती देवेश्वरी देवी, आगर की अध्यक्ष श्रीमती मीना राणा, कुरझण की अध्यक्ष श्रीमती बिंदी देवी, ढोंढ़िक की सदस्य श्रीमती लक्ष्मी देवी आदि ने अनेक समस्याओं पर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया और उनके समयबद्ध समाधान की आवश्यकता बताई। न्यास के प्रबंध निदेशक रमेश पहाड़ी ने सभी अधिकारियों एवं विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।

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