राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भाजपा का अगला एजेंडा किया तय!
- संघ के सभी वरिष्ठ प्रचारक अगले महीने से होंगे जनता से रूबरू
- राज्यों में दलितों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए शुरू होगा अभियान
- एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान अभियान
- दो-तीन महीने में मध्य वर्ग के लिए केंद्र लेगी बड़ा और प्रभावशाली फैसला
- मध्य वर्ग में भ्रम या आक्रोश पैदा हुआ तो हालात संभालना होगा मुश्किल
देहरादून : मुख्य चुनाव में जाने से पहले हर बार की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस बार फिर भाजपा सरकार का अगला चुनावी एजेंडा तय कर दिया है। इसके तहत संघ के वरिष्ठ प्रचारक अगले महीने से ही जन -जन पहुंचकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को प्रचारित करेंगे। हरियाणा के सूरजकुंड में संघ के वरिष्ठ नेताओं ने और उनके अनुषांगिक संगठनों के मुखिया और विभिन्न राज्यों में भाजपा के संगठन मंत्रियों के साथ चर्चा कर मिशन-2019 का एजेंडा तैयार किया है। संघ आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को अपने फीडबैक और भावी रणनीति की जानकारी देगा।
बैठक में शामिल एक प्रतिनिधि के मुताबिक संघ सरकार की योजनाओं और नीतियों से तो संतुष्ट है, लेकिन आर्थिक क्षेत्र, योजनाओं के जमीन पर न उतरने, दलितों के बड़े वर्ग में बन रही पार्टी विरोधी धारणा और मध्य वर्ग के मोर्चे पर सरकार की कोई ख़ास उपलब्धियों से खाली हाथ को लेकर संघ चिंतित है। ये सभी पहलू संगठन मंत्रियों और अनुषांगिक संगठनों से मिले फीडबैक से सामने आए हैं। शुक्रवार की बैठक में संघ के महासचिव भैय्याजी जोशी, संयुक्त सचिव दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल ने अलग-अलग सत्र में विभिन्न मुद्दों पर संगठन मंत्रियों से फीडबैक हासिल किए हैं। बैठक में शामिल सभी प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके आवास पर शुक्रवार को रात्रिभोज भी किया।
शाह के साथ चर्चा में संघ भाजपा शासित राज्यों में दलितों के बीच पैठ बढ़ाने के लिए एक कुआं, एक मंदिर और एक श्मशान अभियान को युद्घस्तर पर शुरू करने की सलाह देगा। इसके अलावा दो-तीन महीने में मध्य वर्ग के लिए बड़ा और प्रभावशाली फैसला लेने की भी सलाह दी जाएगी। संघ का मानना है कि मध्य वर्ग पार्टी से जुड़ा हुआ है, लेकिन इस वर्ग को जोड़े रखने के लिए सरकार के पास कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। ऐसे में ठीक चुनाव के दौरान अगर मध्य वर्ग के बीच भ्रम या आक्रोश पैदा हुआ तो हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा।