RJ काव्य ने बता दिया कि प्रतिभा कभी किसी की मोहताज़ नहीं होती
मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करना है और फिर आप आनद उठाइये RJ Kavya के साथ उनकी इस नई पहल का
राजेंद्र जोशी
देहरादून : जी हाँ प्रतिभा किसी की मोहताज़ नहीं होती वह किसी न किसी रूप में विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष करते हुए जरूर सामने आती है तब लोग दांतों तले उंगुलियां दबाने को मज़बूर हो जाते हैं कि इसने यह क्या कर डाला। यह कहानी है उस युवा की जो पहाड़ की कंदराओं से निकल कर ऐसे रोजगार से जुड़ा जिस विधा को कम से कम उत्तराखंड में तो बहुत ही कम लोग जानते रहे होंगे वह था रेडियो जॉकी का। जब हुनर हो, ज्ञान हो और भगवान ने नेमत के रूप में एक अच्छी आवाज़ से नवाज़ा हो तो आखिर ऐसी प्रतिभा को कौन नकार सकता है। जी हाँ मैं बात कर रहा हूँ रेडियो जॉकी यानि आर जे काव्या की। यह युवा जब से मुझे मिला मेरे दिलो दिमाग पर छा गया।
लेकिन इस युवा के संघर्ष की कहानी भी पहाड़ के हर उस युवा के संघर्ष की कहानी जैसी है जिसके पास नौकरी पाने का कोई जुगाड़ नहीं होता कोई शार्ट कट रास्ता नहीं होता यदि होती है वह उत्तराखंड के पहाड़ियों के युवाओं की तरह इच्छा शक्ति, ईमानदारी और कार्य के प्रति लगन। RJ Kavya के पास भी यही सब कुछ है दिल्ली में रेड एफएम में काम करते करते जब Red FM को उत्तराखंड में एफएम रेडियो का बाज़ार और उम्मीद दिखाई दी दी रेड एफएम रेडियो प्रबंधन ने देहरादून में रेड एफएम के सेटअप को बनने का जिम्मा RJ Kavya को सौंपा काफी मशक्क्त के बाद जब एफएम रेडियो शुरू हुआ तो RJ Kavya ने अपनी आवाज़ और उत्तकाखंड के बारे ज्ञान और यहाँ की संस्कृति और संगीत को Red एफ़एम पर प्रस्तुत करना शुरू कर दिया, RJ Kavya इस बीच युवा दिलों की धड़कन बनने लगा म उत्तराखंड ले कला, साहित्य, लोक संगीत और जनमानस RJ Kavya का मुरीद होने लगा, लेकिन रेड एफएम प्रबंधन और वहां बैठे कुछ लोगों को RJ Kavya की बढ़ती लोकप्रियता से जलन होने लगी और वे RJ Kavya के खिलाफ माहौल खड़ा करने में जुट गए और फिर वही हुआ जो एक निष्कपट एक पहाड़ के युवा के साथ होता है उसके साथ भी छल हुआ और उसे दूसरे दिन सुबह से कार्यक्रम करने से मना कर दिया गया जबकि उसने एक महीने का नोटिस भी खुद ही दिया था क्योंकि Red FM का भीतरी वातावरण कुछ ठीक नहीं चल रहा था , ऐसे में स्वाभिमानी RJ Kavya ने संस्थान को नोटिस दिया था। लेकिन Red FM के प्रबंधन ने संकीर्ण मानसिकता का परिचय देते हुए उन्हें सुबह उन्हें कार्यक्रम करने से मना कर दिया (यह बात भले ही RJ Kavya को बुरी लगे कि क्यों इस बात का यहाँ जिक्र किया) लेकिन मेरा दायित्व बनता है कि RJ Kavya के चाहने वालों तक यह बात पहुंचे कि आखिर क्यों RJ Kavya ने रेड एम छोड़ा।
अब RJ Kavya को नया मुकाम हासिल करना था, नौकरी तो उसे कहीं भी मिल सकती थी लेकिन उत्तराखंड के उसका लगाव पैसे से आगे फीका पद गया और वह अपना ही कुछ करने की धुन में जुट गया। उसके पास वह सब कुछ था जो एक रेडियो चैनल को शुरू करने के लिए चाहिए होता है। दमदार आवाज ज्ञान और उत्तराखंड की जानकारी तो उसने शुरू कर दिया OHO रेडियो। अब आप RJ Kavyaकी शानदार आवाज कर तमाम नए कार्यक्रमों को यहां सुन सकते हैं। तो इस एप को बस आपको अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करना है और फिर आप आनद उठाइये RJ Kavya के साथ उनकी इस नई पहल ओहो रेडियो का।
सुनिए RJ काव्या ने क्या कहा ओहो रेडियो की शुरुआत करने से पहले …….
[videopress 1KNUL2mW]आइये जानते हैं ओहो रेडियो के बारे में ……
ओहो रेडियो उत्तराखंड का पहला ऐप-आधारित डिजिटल रेडियो स्टेशन है। हमारा मकसद ‘सोच लोकल, अप्रोच ग्लोबल’ है। ओहो यह एक मंच बनाने के लिए सबसे पहले है, जो एक व्यापक दृष्टि के साथ लोगों को एक ऐसे समाज का निर्माण करने के लिए लाता है, जो एक साथ रहते हैं, सीखते हैं, अनजान होते हैं, फिर से बढ़ते हैं, और एक साथ बढ़ते हैं। ओहो रेडियो आरजे काव्य की एक पहल है, जिसे उत्तर का पुत्तर के नाम से जाना जाता है। ओहो रेडियो दुनिया भर में कवरेज की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है और इस खेल को बदल रहा है कि कैसे मनोरंजन और जानकारी हर एक व्यक्ति तक पहुंच रही है। ओहो रेडियो शिक्षा, उद्यमिता, खेती, संस्कृति, पर्यटन, स्वास्थ्य आदि को बेहतर बनाने पर काम कर रहा है। ओहो का मकसद सिर्फ एक क्लिक के साथ कहीं भी सही समय पर सही लोगों द्वारा सही जानकारी के करीब लाना है। इसका उद्देश्य राज्य के लोक संगीत, लोक नृत्य और उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों के अन्य सांस्कृतिक पहलुओं को बढ़ावा देना है। ओहो रेडियो क्षेत्रीय संगीत और सामग्री को बढ़ावा देने के लिए यहां है और इसे दुनिया के हर नुक्कड़ तक पहुँचा सकता है। ओहो रेडियो समाज को विकसित, शिक्षित, सीखने और उत्थान करने के लिए सही जानकारी देने पर जोर देता है। ओहो एक अनूठा मंच है जो समग्र रूप से समाज को सूचित करता है और उसकी संस्कृति, परंपराओं, लोक संगीत, नृत्य, खेल, आदि को उत्थान करता है। ओहो सिर्फ एक रेडियो नहीं है बल्कि एक साथ आने और विकसित होने का माध्यम है।
मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें या यहां ओहो रेडियो पर क्लिक करें ……….ओहो रेडियो
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