प्रसिद्ध लेखक रस्किन बाॅन्ड को राज्यपाल ने किया सम्मानित
देहरादून । राज्यपाल डा. कृष्ण कान्त पाल द्वारा राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक रस्किन बाॅन्ड को सम्मानित किया गया। राज्यपाल ने प्रकृति, प्रेम और मानव स्वभाव पर आधारित रस्किन बाॅन्ड की रचनाओं में अभिव्यक्ति की अनुपम शैली की सराहना करते हुए उनके कार्याें का उल्लेख किया। राज्यपाल ने बताया कि वे स्वयं श्याम बेनेगल की फिल्म ‘जुनून’ के माध्यम से रस्किन बाॅन्ड से परिचित हुए जो कि रस्किन बाॅन्ड के उपन्यास ‘ए फ्लाइट आॅफ पिज़न्स’ पर बनी है।
राज्यपाल ने बताया कि फिल्म देखने के बाद ही उन्होंने इस उपन्यास को पढ़ा। उन्होंने कहा कि पहाड़ों के प्रति रस्किन का प्यार, देहरादून व मसूरी के प्रति उनका गहरा लगाव तथा अपने लेखन में मानव स्वभाव की अच्छाईयों के प्रति उनकी अभिव्यक्ति ने ही उन्हें पाठ्कों के बीच लोकप्रिय बनाया। उन्होंने कहा कि दून घाटी के प्रति रस्किन का गहरा भावात्मक लगाव है यही कारण है कि दून घाटी की खूबसूरती व प्राकृतिक सौंदर्य उनके लेखन में उभर कर आया है। राज्यपाल ने रस्किन को हाल ही में ‘टाइम्स आॅफ इंडिया लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किये जाने पर उन्हें बधाई दी।
इस अवसर पर रस्किन बाॅन्ड ने देहरादून के लिये अपने प्यार/लगाव के बारे में बताते हुए किशोरावस्था में देहरादून से लंदन तथा लंदन से वापस देहरादून की खूबसूरत वादियों में लौट आने, दोस्तों, पहाड़ों, पेडा़ें और दून घाटी के पर्यावरण से जुड़ी अपनी स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि 1963 से मसूरी में रहते हुए प्रकृति से प्रेरित होकर निरन्तर स्वतन्त्र लेखन कर रहे हैं और यह भी बताया कि 1960 से 1970 के बीच उन्होंने बहुत कहानियाँ लिखी जब वे मसूरी के बार्लोगंज के पास के जंगलों के बगल में एक बंगले मे रह रहे थे।
रस्किन बाॅन्ड ने बुद्धिजीवियों से अपनी जीवन शैली अपनी कहानी की पटकथाओं, हास्य-विनोद भरे स्वभाव से भी परिचित कराया। ‘ई-बुक्स’ के बढ़ते चलन पर उन्होंने कहा कि अच्छा है लोग पढ़ रहे है किन्तु असली किताब पढ़ने का मजा ही कुछ और है। लगभग छः दशक से अधिक समय की रस्किन की लेखन यात्रा से जुड़ी यादों को साझा करने की इस स्मरणीय संध्या में कई लेखक, बुद्धिजीवी, प्रकाशक, पत्रकार तथा देहरादून के कई प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद रहे।