कमीशन लिए जाने की शिकायत पर मंत्री ने दिए जांच के आदेश
पौड़ी। प्रदेश के उच्च शिक्षा, प्रोटोकाल, सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन ङ्क्षसह रावत ने श्रीनगर विधान सभा क्षेत्र में मनरेगा कार्यो में कमीशन लेने और समाज कल्याण विभाग में तैनात लिपिक का कार्यो के एवज में कमीशन की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने थलीसैंण ब्लॉक में कई महिला मंगल दलों को पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में नियम विरुद्ध वर्तन दिए जाने के मामले में भी जांच के आदेश दिए हैं। मुख्य विकास अधिकारी की देख-रेख में जांच टीम में तीन सदस्यों को भी शामिल करने को भी कहा गया है।
जनपद के दूरस्थ ब्लॉक थलीसैंण में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ विकास कार्यो की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि विधायक निधि के कार्यो में यदि कहीं भी कमीशन लेने की बात सामने आई तो कार्रवाई होगी। समीक्षा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री ने समाज कल्याण विभाग पौड़ी में तैनात एक क्लर्क के कार्यो के एवज में कमीशन लेने की शिकायत पर मंत्री ने जांच के आदेश दिए। साथ ही थलीसैंण ब्लॉक में कई गांवों में ब्लॉक कार्यालय की ओर से नियम विरुद्ध वर्तन मुहैया कराने के भी जांच के आदेश दिए।
रावत ने लोनिवि के सभी खंडों को निर्देशित किया गया कि वे क्षेत्र के हर गांव को मोटर मार्ग से जोडऩे के लिए प्रस्ताव तैयार करें। आपदा की धनराशि राठ महाविद्यालय की सुरक्षा दीवार पर खर्च किए जाने के मामले को भी उन्होंने गंभीरता से लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है और चिकित्सालयों में डाक्टरों की कमी को दूर करें। उन्होंने विधान सभा चुनाव के दौरान बिना स्वीकृत कार्यो को शुरू करने की रिपोर्ट भी विभागीय अधिकारियों को देने के निर्देश दिए।
धन सिंह रावत ने कहा कि संतूधार-नौटी-कर्णप्रयाग सहित कई मार्गो को एनएच के रूप में तब्दील करने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा। श्रीनगर विधान सभा क्षेत्र में बदहाल डाक बंगलों की मरम्मत व नए डाक बंगलों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा। इस मौके पर सीडीओ विजय कुमार जोगदंडे, भाजपा के श्रीनगर विधान सभा प्रभारी मातवर ङ्क्षसह रावत, एसडीएम कमलेश मेहता, डीएसपी धन ङ्क्षसह तोमर, सीईओ डीएस रावत, सीएओ देवेंद्र राणा, डीपीआरओ एमएम खान, जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र रावत सहित कई अधिकारी व जन प्रतिनिधि शामिल थे।