शराब के विरोध में जब महिलाओं ने की फांसी लगाने की कोशिश
रुद्रप्रयाग : खांकरा में शराब की दुकान का विरोध कर रही महिलाओं ने सोमवार को एक बारगी प्रशासन की सांसें अटका दीं। दुकान के बाहर जमा महिलाओं में से कुछ ने पेड़ पर रस्सी का फंदा डालकर जान देने की कोशिश की। अधिकारियों ने समझा बुझाकर उन्हें शांत कराया। साथ ही वहां शराब की दुकान न खोलने का भरोसा दिलाया।
रुद्रप्रयाग जिले के कई इलाकों में इनदिनों शराब की दुकानों का विरोध हो रहा है। ऊखीमठ, नगरासू, तिलवाड़ा, विजयनगर, बसुकेदार के बाद सोमवार को खांकरा में अंग्रेजी शराब की दुकान का विरोध हुआ। दुकान खुलने का पता चलने पर दोपहर काफी संख्या में महिलाएं खांकरा पहुंची और दुकान जबरन बंद करा दी। इसको लेकर काफी देर तक हो हल्ला-होता रहा। कुछ महिलाओं ने दुकान के बाहर पेड़ पर रस्सी का फंदा डालकर फांसी लगाने की कोशिश की, इस बीच तहसीलदार श्रेष्ठ गुनसोला और आबकारी विभाग की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने महिलाओं से कोई भी उग्र कदम न उठाने का आग्रह किया, लेकिन महिलाओं के तेवर बरकरार रहे।
करीब आधा घंटे तक उनकी अधिकारियों के साथ नोकझोंक होती रही। उनका कहना था कि वह किसी भी कीमत पर क्षेत्र में शराब की दुकान नहीं खुलने देंगे। शराब के चलन के चलते कई परिवार बर्बाद हो गए हैं। युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है। मानकों को ताक पर रखकर शराब की दुकानें खोली जा रही है। जो दुकान खोली गई वह राजमार्ग से 80 मीटर की दूरी पर है। वहां स्थानीय लोगों की कृषि भूमि है और महिलाएं यहां रोजाना पशुओं के लिए चारा लेने आती हैं। इससे उनकी सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।
महिलाओं ने दो टूक कहा कि प्रशासन व आबकारी विभाग ने उनकी मांग पर गौर नहीं किया तो वह सामूहिक रूप से फांसी लगाने से पीछे नहीं हटेंगी। तहसीलदार ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि तीन मई के बाद ही शराब की दुकान के विषय में निर्णय लिया जाएगा।
विरोध करने वाली महिलाओं में गीता देवी, हेमा देवी, सरिता देवी, सीमा देवी निर्मला देवी, आनंदी देवी, दुर्गा देवी, रजनी देवी, सुशीला देवी आदि प्रमुख रूप से शामिल थीं।