सातवें मामले में भी निठारी के नरपिशाच कोली को फांसी
11 साल की बच्ची संग की थी क्रूरता
नयी दिल्ली : सीबीआई कोर्ट में निठारी कांड के अभियुक्त सुरेंद्र कोली को सातवें मामले में शुक्रवार(16 दिसंबर) को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कोली पर 35 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। इस बात की जानकारी कोर्ट से निकलने के बाद सीबीआई के लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने दी। बता दें कि आज जिस मामले में कोली को सजा हुई है वह 11 साल की लड़की की हत्या का मामला है।
निठारी कांड में 11 साल की एक लड़की की हत्या के मामले में सीबीआई विशेष कोर्ट ने आरोपी सुरेंद्र कोली को अपहरण, रेप और हत्या की धाराओं में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने कोली को साक्ष्य छिपाने का भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
अभियोजन और डिफेंस को सजा पर बहस के लिए विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने 16 दिसंबर की तारीख नियत की थी। निठारी कांड का यह सातवां मामला है। इससे पहले छह मामलों में कोर्ट सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुना चुकी है।
डासना जेल में बंद निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच सीबीआई विशेष कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा के अनुसार 11 साल की लड़की कोठी संख्या डी-5 के पास ही एक गांव में अपने मौसा के परिवार के साथ रहती थी। उसका मौसा चाउमीन का ठेला लगाता था।
24 जुलाई 2006 को सुबह करीब 9 बजे लड़की लाल रंग का थैला लेकर सब्जी लेने के लिए घर से निकली थी। इसके बाद से ही उसका कुछ पता नहीं चल सका। सुरेंद्र कोली ने उसे बहाने से कोठी में बुलाया और उससे रेप की कोशिश की और फिर उसकी हत्या कर दी।
शाम तक घर नहीं पहुंचने पर लड़की के मौसा ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। बाद में निठारी कांड के खुलासे में पता चला था कि सुरेंद्र कोली उक्त लड़की की हत्या कर चुका है। यह मामला विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की कोर्ट में विचाराधीन था।
फैसला जानने के लिए शुक्रवार सुबह से ही कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा था। कड़ी सुरक्षा के बीच कोली को कोर्ट में पेश किया गया। न्यायाधीश ने सुरेंद्र कोली को आईपीसी की धारा-364,376,302,201 और 511 का दोषी करार दिया था और आज फांसी की सजा सुनाई।