रुद्रपुर के दस बैंकों ने कमीशन लेकर नई करेंसी से भर दी व्यापारियों की तिजोरी
आईबी की रिपोर्ट आ जाएगी सप्ताहभर में सामने
6 सरकारी बैंकों के साथ 4 प्राइवेट बैंक भी शामिल
देहरादून : नोटबंदी के 36 दिन बाद भी जहां आम जनता बैंकों के बाहर घंटों कतार में खड़े होने को मजबूर है, वहीं रुद्रपुर शहर और आसपास के करीब दस बैंकों ने कमीशन लेकर धनाढ्य लोगों की तिजारियों को नई करेंसी से भर दिया है। यही कारण है कि करीब ढाई लाख की आबादी वाले शहर में डेढ़ लाख से अधिक लोग आज भी कैश के लिए परेशान हैं। खुफिया विभाग ने ऐसी 6 सरकारी और 4 प्राइवेट बैंक शाखाओं की सूची तैयार की है। यह मामला तब उजागर हुआ जब पिछले सप्ताह एक प्राइवेट बैंक में व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने हंगामा किया और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
व्यापारियों ने यहां पर दस प्रतिशत का कमीशन लेकर नई करेंसी देने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार शहर के कई धनाढ्य लोगों ने बैंकों के साथ कमीशन का खेल खेलकर अपनी तिजोरियां भर ली हैं। इसके बाद खुफिया विभाग ने पिछले 18 दिन में जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें चौंकाने वाले तथ्य हैं।
लीड बैंक अधिकारी मधुसूदन सुमन का कहना है कि बैंकों की चेस्ट ब्रांचों से कितनी नई करेंसी रुद्रपुर शहर में आई है, यह लीड बैंक के पास आंकड़ा नहीं होता है। कुछ बैंकों द्वारा कमीशन पर लेनदेन की बातें लोगों के मुंह से सुनी गई हैं, लेकिन इसमें कौन-कौन बैंक है यह जानकारी उनके पास नहीं है। फिलहाल कई बैंकों में कैश की समस्या सुधरी है, कुछ में बरकरार है।
इसमें 6 सरकारी बैंकों के साथ-साथ 4 प्राइवेट बैंक शाखाएं शामिल हैं, जिन्होंने 10 प्रतिशत से लेकर 30 प्रतिशत का खेल खेला है। खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही उन बैंकों पर शिकंजा कसा जाएगा, जिन्होंने कमीशन लेकर हेराफेरी की है।
मामले में कुमांयु के डी आई जी अजय रौतेला का कहना है कि रुद्रपुर में नई करेंसी के साथ शहर के दस बैंकों ने कमीशन का खेल खेला है। इससे मध्यम और गरीब तबके को काफी परेशानी हो रही है। इसमें दो-तीन बैंकों की भूमिका सामने आ गई है, लेकिन इसमें केंद्रीय और राज्य सूचना इकाई अभी जांच कर रही है। आईबी की रिपोर्ट सप्ताह भर के भीतर सामने आ जाएगी। इसके बाद जो भी बैंक दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लीड बैंक से भी पूछताछ की जा रही है।