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नारायण दत्त तिवारी ने समाजवादी दंगल पर मुलायम को लिखी चिट्ठी

देहरादून : यह राजनीतिक विडंबना ही मानी जाएगी कि जहाँ एक तरफ उत्तरप्रदेश में पार्टी और राजनीतिक विरासत पाने के लिये परिवार और बाप बेटे में घमासान मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ एक पिता अपनी राजनीतिक विरासत को अपने पुत्र के हवाले करवाने के लिये इन दिनों ऐड़ी चोटी जोर लगा रहा है।

राजनीति और परिवारवाद का पुराना साथ रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में चल रहे समाजवादी दंगल में भिड़ रहे पिता-पुत्र के बीच एक और पिता युद्ध विराम कराने के लिये सामने आ गये हैं। वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने समाजवादी पार्टी में मचे विवाद पर मुलायम सिंह यादव को पत्र तक लिख डाला है। इस पत्र में तिवारी ने मुलायम सिंह यादव से कहा है कि मैंने सदा आपको अपना छोटा भाई और अखिलेश को अपना भतीजा माना है और इसी लिये में आपसे निवेदन करता हूं कि पार्टी की कमान आप अखिेलेश जैसे युवा के कंधों पर डाल दें।

तिवारी के मुताबिक अखिलेश एक मंझे हुए युवा राजनेता के रूप में अपने को स्थापित करने में कामयाब हुए हैं और ऐसै में ये सही वक्त है कि राज्य के विकास के लिये पार्टी की कमान उन्हें दे दी जाये। तिवारी ने यहां ये भी साफ किया कि राजनीति के इस जटिल सफर में अखिलेश को मुलायम के आशीर्वाद की भी हमेशा ज़रूरत रहेगी।

तिवारी के इस पत्र से अखिलेश खेमें में तो कुछ उत्साह आयेगा क्योंकि न केवल नारायण दत्त तिवरी आज भी उत्तर प्रदेश की राजनीति के कद्दावर नेता हैं साथ ही अखिलेश सरकार ने भी अपने कार्यकाल में तिवारी को खासी तवज्जो दी थी। लेकिन इस समाजवादी संग्राम में अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव और अमर सिंह को तिवारी का ये सुझाव कितना पसंद आयेगा इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।

वहीँ तिवारी ने पत्र में अपने दर्द को बयां करते हुए यह भी कहा है कि खुद अपने पुत्र शेखर तिवारी के लिये राजनीतिक संभावनाओं की तलाश करने के चलते वो फिलहाल लखनऊ नहीं आ रहे हैं और इसिलिये पत्र के माध्यम से अपनी बात मुलायम तक पहुंचा रहे हैं।

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