PITHORAGARH

नंदा देवी ईस्‍ट में एवलांच आने के बाद लापता सातों पर्वतारोहियों के निकाले गए शव

एक अन्‍य शव को निकालने के लिए टीम सोमवार को चलाएगी  रेस्‍क्‍यू अभियान

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : नंदादेवी चोटी फतह करने गए पिछले माह 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुए पर्वतारोहियों में लापता सात विदेशी और एक भारतीय लाइजनिंग आफि‍सर के शवों को रेस्‍क्‍यू करने गई आएमएफ की टीम ने सात शवों को निकाल लिया है। जिसमें एक महिला पर्वतरोही है। अभी भी वहां बचे एक अन्‍य शव को निकालने के लिए टीम सोमवार को रेस्‍क्‍यू अभियान चलाएगी। रेस्क्यू दल 17800 फ़ीट की ऊंचाई से अभियान चला रहा है। सभी शव अभी भी वहीं पर रखे गए हैं।

13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी ईस्ट के लिए रवाना हुए 13 सदस्यीय दल में से ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन, जोन चार्लिस मैकलर्न, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, अमेरिका के एंथोनी सुडेकम, रोनाल्ड बीमेल, आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रूथ मैकन्स और इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के जनसंपर्क अधिकारी चेतन पांडेय पर्वतारोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। बाद में सर्च अभियान के दौरान बर्फ में पांच शव दिखाई दिए थे। ये शव खतरनाक दर्रे में थे और इस कारण सेना के हेलीकॉप्टर से इन्हें निकालने का प्रयास सफल नहीं हो सका था। 

हिमालयन रन एंड ट्रैक प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा संचालित नंदा देवी ईस्ट अभियान दस मई को नई दिल्ली से रवाना हुआ था। इस दल में 12 सदस्य शामिल थे। जिसमें तीन यूके, तीन यूएसए, एक आस्ट्रेलिया का पर्वतारोही, एक भारतीय लाइजन ऑफिसर और चार पोर्टर शामिल थे। मुनस्यारी से भी 16 पोर्टर्स और मजदूर दल का सामान पहुंचाने बेस कैंप तक गए थे। दल 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। 31 मई की शाम साढ़े पांच बजे अभियान प्रायोजित कर रही नई दिल्ली की संस्था ने जिला प्रशासन को विदेशी पर्वतारोहियों और भारतीय लाइजनर ऑफिसर के लापता होने की सूचना दी। जिसके बाद से पर्वतारोहियों को पहले कई बार हेलिकॉप्‍टर से रेस्‍क्‍यू करने का अभियान शूरू हुआ, लेकिन मौसम खराब होने के कारण सफल नहीं हो सका। फिर आईएमएफ की टीम नंदा देवी चोटी पर की ओर पैदल ही निकली थी।

चार टैकर्स को पहले ही निकाला जा चुका है

नंदा देवी अभियान के दौरान बेस कैंप में फंसे इंग्लैंड निवासी चार ट्रैकर्स को हैलीकॉप्टर से सेना ने रेस्‍क्‍यू कर सुरक्षित निकाल लिया था। जिसके बाद उन्‍हें सेना के ही हॉस्पीटल में पहुंचा दिया गया। चारों ट्रैकर्स नंदा देवी आरोहण दल में शामिल थे परंतु चोटी आरोहण में नहीं गए थे। जिसमें एक महिला ट्रैकर्स भी शामिल है। बेस कैम्प से जरचे क्वैन 32 वर्ष पुत्र मिशेल क्वैन निवासी यूके, केट आर्मस्टान 39 वर्ष पत्नी मैथ्यू आर्मस्ट्रांग निवासी यूके, इयान बडे 45 वर्ष पुत्र एंथोनी बडे निवासी यूके और मार्क थॉमस 44 वर्ष पुत्र विलिसन निवासी यूके को बेस कैम्प से पिथौरागढ़ के सेना अस्पताल पहुंचा दिया गया है।

दल में शामिल पर्वतारोही

1. मार्टिन मोरेन-यूके टीम लीडर
2.जॉन मेकलर्न-यूके
3: रुपेर्ट ह्वेवेल-यूके
4. रिचर्ड प्याने -यूके
5. रूथ मैक्केन-आस्ट्रेलिया
6. एंथनी सूडेकम-यूएसए
7. रोलाल्ड बैमेल-यूएसए
8. आइएमए के लाइजन आफीसर चेतन पांडेय-अल्मोड़ा

1939 से चल रहे हैं नंदा देवी अभियान

नंदा देवी आरोहण अभियान वर्ष 1939 से चल रहे हैं। प्रथम एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी नंदा देवी आरोहण किए हैं। नंदा देवी चोटी पर दुनिया के कई देशों के पर्वतारोही चढ़े हैं। 1967-68 में तो अमेरिका और भारत के संयुक्त अभियान में यहां पर रडार लगाने के लिए उपकरण भी ले जाए गए थे। उपकरण चोटी तक नहीं पहुंच पाए थे।

नंदा देवी आरोहण के अभियान

1. 1939 – पोलैंड के पर्वतारोही चढ़े
2. 1951 – फ्रांस के दल का अभियान, जिसमें एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी शामिल थे।
3. 1975 – भारत और फ्रांस के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
4. 1976 – भारत और जापान के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
5. 1991 – भारत और रूस के पर्वतारोहियों का संयुक्त अभियान
6. 1992 – सीमा सुरक्षा बल के पर्वतारोहियों का अभियान
7.1994- स्पेनिश पर्वतारोहियों का अभियान
8.1995- भारत – अमेरिका का संयुक्त अभियान

2017 में भी लापता हुए थे सात जवान
वर्ष 2017 में चले नंदा देवी अभियान में सात जवान लापता हुए थे। जबकि इससे पहले पंचाचूली अभियान में भी आइटीबीपी के सात पर्वतारोही लापता हुए हैं। पर्वतारोहण के क्षेत्र के कार्य करने वाली आइस संस्था के पर्वतारोही वासु पांडेय बताते हैं कि नंदा देवी में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जो एवलांच के लिहाज से संवेदनशील हैं। इस साल अधिक हिमपात के चलते इस बार एवलांच के अधिक आसार भी हैं। नंदा देवी क्षेत्र काफी सुंदर है। पर्वतारोही मार्टिन को यह खूब भाता है।

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