नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत 13 जिलाधिकारियों को किए नोटिस जारी
नैनीताल- उत्तराखंड में अपने घरों पर अकेले रह रहे बुजुर्गों का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है मामले को सुनने के बाद नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने राज्य सरकार समेत प्रदेश के सभी 13 डीएम समेत एसएसपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं कोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि उनके द्वारा अकेले रहने वाले वृद्धों के लिए अब तक क्या-क्या उचित कदम उठाए गए हैं
आपको बता दें कि देहरादून निवासी विकाश सिंह नेगी के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि केंद्र सरकार के द्वारा 2007 में सीनियर सिटीजनो के भरण पोषण व कल्याण व उनकी देखरेख के लिए एक्ट बनाया गया जिसे 2010 में उत्तराखंड सरकार के द्वारा प्रदेश में लागू कर दिया गया लेकिन उत्तराखंड में इस एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है और आज तक सरकार के द्वारा एक्ट का पालन करने के लिए कमेटी व सदस्यों का गठन नहीं किया गया है
जिस वजह से अकेले रहने वाले बुजुर्ग आज सुरक्षित नहीं है और कोरोना काल में भी अकेले रहने वाले बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं
याचिकाकर्ता के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि एक्ट में साफ लिखा गया है कि पुलिस के द्वारा गांव व शहरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची बनाकर प्रतिमाह उनकी देखरेख करेगी बुजुर्गों को किसी प्रकार की दिक्कत होने पर उनकी मदद करेगी बीमार होने पर अस्पताल लेकर जाएगी लेकिन उत्तराखंड में पुलिस के द्वारा अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
मामले को सुनने के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने मामले पर राज्य सरकार उत्तराखंड के सभी डीएम समेत एसएसपी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।