मोबाइल नेटवर्किंग से जुड़ेंगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की 39 चेक पोस्ट
देहरादून : उत्तराखंड के पांच जिलों से लगी चीन व नेपाल सीमा पर स्थित आइटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की 39 चेक पोस्ट (निगरानी चौकी) पर मोबाइल नेटवर्किंग का रास्ता साफ हो गया है। गृह मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों की सीमा से लगे चेक पोस्ट को मोबाइल नेटवर्किंग से जोड़ने के लिए ढाई हजार करोड़ रुपये का बजट जारी करने का प्रस्ताव पास कर दिया है। इसी बजट से उत्तराखंड की निगरानी चौकी भी मोबाइल नेटवर्किंग से जोड़ी जाएंगी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चंपावत व ऊधमसिंहनगर जिले चीन व नेपाल की सीमा से लगे हुए हैं। इस सीमा की निगरानी को आइटीबीपी व एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की जो 47 निगरानी चौकी बनाई गई हैं, उनमें मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध है न विद्युत सुविधा ही। ऐसे में वहां तैनात जवानों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
सिर्फ चेक पोस्ट ही नहीं, सीमा से सटे गांव भी बिजली व नेटवर्क विहीन हैं। जिससे जवानों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। कुछ समय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी इस बाबत गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अवगत करा चुके हैं। अब गृह मंत्रालय ने ढाई हजार करोड़ रुपये की लागत से ढाई हजार टॉवर लगाने का निर्णय लिया है।
हालांकि, इस प्रस्ताव में उत्तराखंड स्थित एसएसबी की आठ चेक पोस्ट शामिल नहीं हैं, लेकिन आइटीबीपी की चेक पोस्ट को शामिल कर लिया गया है। उत्तराखंड शासन के अनुसार एक चेक पोस्ट को मोबाइल टावर के जरिए नेटवर्किंग से जोड़ने के लिए करीब 60 लाख रुपये का खर्च आएगा। जिससे उत्तराखंड में करीब 23 करोड़ रुपये खर्च होंगे। फिलहाल बीएसएनएल डीपीआर तैयार में जुट गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी सचिव दीपक कुमार गैरोला ने बताया कि गृह मंत्रालय ने आइटीबीपी की 39 चेक पोस्ट को मोबाइल नेटवर्किंग से जोड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है। उम्मीद है कि जल्द इन चेक पोस्ट पर नेटवर्किंग की समस्या का समाधान हो जाएगा।
एक चेक पोस्ट पर अनुमानित खर्च
उपकरण-खर्च
टावर-35 लाख
डिजीसेट-09 लाख
पावर प्लांट-02 लाख
मोबाइल उपकरण-12 लाख
अन्य खर्च-02 लाख
कुल- 60 लाख रुपये