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द हंस फाउण्डेशन एवं नन्दा देवी सोसाइटी फाॅर हैण्डलूम्स एण्ड नैचुरल फाइबर्स के मध्य एमओयू
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थिति में सचिवालय में सोमवार को द हंस फाउण्डेशन एवं नन्दा देवी सोसाइटी फाॅर हैण्डलूम्स एण्ड नैचुरल फाइबर्स के मध्य एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में हथकरघा तथा प्राकृतिक रेशों से निर्मित उत्पादों के संवर्द्धन स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप उत्कृष्ट श्रेणी के उत्पादों के विकास, बुनकरों/शिल्पियों के कौशल एवं तकनीकी विकास तथा जीविकोपार्जन के उद्देश्य से गठित नन्दा देवी सोसाइटी फाॅर हैण्डलूम्स एण्ड नैचुरल फाइबर्स प्रदेश की महिलाओं को स्वालम्बी बनाने की दिशा में सकारात्मक पहल है।
उन्होने कहा कि सोसाइटी के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जनपद अल्मोड़ा के ग्राम मटेना में नन्दा देवी सेन्टर आॅफ एक्सीलैन्स की स्थापना हेतु राजस्व विभाग द्वारा एम.एस.एम.ई. विभाग को भूमि हस्तान्तरित की गयी है। दि हंस फाउण्डेशन द्वारा इस केन्द्र का संचालन एवं प्रबन्धन के कार्य के साथ-साथ वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार द्वारा सहमति व्यक्त की गयी है।
उन्होने कहा कि दि हंस फाॅउण्डेशन द्वारा इस सोसाइटी के माध्यम से राज्य में हथकरघा तथा प्राकृतिक रेशों से निर्मित उत्पादों का विकास बुनकरों/शिल्पियों के कौशल एवं तकनीकी विकास तथा जीविकोपार्जन एवं बैकवर्ड तथा फाॅरवर्ड लिंकेज (backward and forward linkage) का कार्य किया जायेगा। इससे अल्मोड़ा के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नेटल, भीमल एवं अन्य प्राकृतिक रेशे के उत्पादन तथा व्यवसायीकरण में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने हंस फाउण्डेशन से पर्वतीय क्षेत्रों में परम्परागत मधुमक्खी पालन तथा सेब की उन्नत प्रजाति को बढ़ावा देने में भी सहयोग की अपेक्षा की।
एम.ओ.यू. पर नन्दा देवी सोसाइटी फाॅर हेण्डलूम एण्ड नेचुरल फाइबर की ओर से सोसाइटी के सदस्य सचिव एवं निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल तथा द हंस फाउण्डेशन की ओर से डा.जी.वी.राव द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
हंस फाउण्डेशन के अधिशासी निदेशक डाॅ. जी.वी. राव ने बताया कि उनका प्रयास है कि नन्दा देवी सोसाइटी फाॅर हैण्डलूम के माध्यम से आगामी तीन साल में 5000 महिलाओं को लाभान्वित कर उनके मानदेय को दुगना करने का है। इस केन्द्र में स्थानीय महिलाओं द्वारा तैयार किये गये उच्च गुणवत्ता वाले हथकरघा एवं प्राकृतिक रेशें के उत्पादों का राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर buyers, wholesalers, exhibitions आदि के माध्यम marketing की उचित व्यवस्था हेतु आवश्यक सहयोग प्रदान किया जायेगा। साथ ही बुनकर बाहुल्य क्षेत्र की महिलाओं हेतु हथकरघा क्षेत्र में बेसिक एवं एंडवास ट्रैनिंग कार्यक्रमों का संचालन प्रदान किया जायेगा। राज्य में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नेटल, भीमल, स्थानीय ऊन का उपयोग कर, डिजाइन एवं उत्पाद विकास में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। केन्द्र में उत्पादन क्षमता बढाये जाने हेतु आधुनिक एवं उच्च तकनीक वाली मशीनों का उपयोग कर, हथकरघा उत्पाद किये जायेंगे। इस केन्द्र के सहयोग से बुनकर बाहुल्य जनपदों उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ एवं अन्य जनपदों में महिलाओं हेतु कौशल अभिवृद्धि के उद्देश्य से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा डाॅ.भूपिन्दर कौर औलख, सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव अर्जुन सिंह, सी.ई.ओ. दि हंस फाउण्डेशन जन. एस.एम. मेहता, निदेशक कार्यक्रम श्री विजय जामवाल एवं समन्वयक दि हंस फाउण्डेशन श्री सतपाल नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में दि हंस फाउण्डेशन द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, स्वच्छता, सामान्य सुविधा केन्द्र (सी.एफ.सी.), ग्रामीण विकास, ऊर्जा सहित अन्य जीविकोपार्जन से सम्बन्धित योजनाओं की विभागीय सचिवों के साथ समीक्षा की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि दि हंस फाउण्डेशन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं जनहित से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा फाउण्डेशन द्वारा संचालित कार्यक्रमों में पूरा सहयोग दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष पहल किये जाने की जरूरत है। उन्होंने टिहरी, अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ में आई.सी.यू. यूनिट स्थापित करने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल काॅलेज के संचालन में सेना के सहयोग के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्री से वार्ता करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों क उपलब्धता की दिशा में सहयोग के साथ ही 9 मेडिकल मोबाईल यूनिट स्थापित करने, हंस बाल आरोग्य कार्यक्रम को और बनाने, जल संवर्धन व पेयजल, काॅमन फैसिलिटी सेंटरों की स्थापना, विद्यालयों के आधुनिकीकरण व अंग्रेजी शिक्षकों की उपलब्धता, केन्द्रीयकृत किचन व्यवस्था, ग्रामीण विद्युतिकरण एवं एकीकृत ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की।
इस अवसर पर फाउण्डेशन के ई.डी. डाॅ. जी.वी. राव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि दि हंस फाउण्डेशन द्वारा जनहित से जुड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी तत्परता से किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव वित्त श्री अमित नेगी, सचिव शिक्षा भूपिन्दर कौर औलख, सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा, सचिव ऊर्जा श्रीमती राधिका झा, अपर सचिव अर्जुन सिंह, निदेशक उद्योग श्री सुधीर नौटियाल, सी.ई.ओ. दि हंस फाउण्डेशन जन. एस.एम. मेहता, निदेशक कार्यक्रम विजय जामवाल एवं समन्वयक दि हंस फाउण्डेशन श्री सतपाल नेगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।