हरिद्वार जिले में जहरीली शराब पीने से 61 मरे, 97 गंभीर
- 13 आबकारी अधिकारी सहित चार पुलिस कर्मी निलंबित
- आबकारी मंत्री द्वारा पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जिले के भगवानपुर के अलग अलग गांव में जहरीली शराब पीने से अभी तक 61 लोगों की मौत हुई है, जबकि 97 लोग सहारनपुर सहित आसपास के अस्पतालों में भर्ती बताए जा रहे हैं। यह घटना उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के पांच गांवों में तथा उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के 17 गांवों में हुई बतायी जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक रुड़की में 20 सहारनपुर में 40 तो कुशीनगर में एक मौत शराब पीने से हुई है। हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत और एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी तेज्जुपुर में कैंप कर रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि गांव में अवैध रूप से निकाले जाने वाली कच्ची शराब पीने से ग्रामीणों की मौत हुई है। ये ग्रामीण ग्राम बालूपुर, बिंदु, जहाजगढ़, तेजजूपुर, भलस्वागाज आदि के रहने वाले हैं। जबकि सेठ पाल, सुशील, संजय, कुलदीप, धनीराम सहित 40 लोग आस पास के निजी अस्पतालों में भर्ती बताए जा रहे हैं। वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने मृतकों को दो-दो लाख रूपये और घायलों को 50 -50 हज़ार की आर्थिक सहायता देने का घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि रुड़की में अवैध शराब से हुई मौतों का मामला सामने आया है; सरकार ने सम्बंधित आबकारी विभाग के 13 अधिकारियों एवं 4 पुलिस कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है और साथ ही घायलों के उपचार के लिए ज़रूरी क़दम उठाने के निर्देश दिए हैं । वहीं उत्तरप्रदेश के आबकारी विभाग ने 14 आबकारी कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
मरने वालों में 40 साल से 55 साल उम्र तक के ग्रामीण शामिल हैं। उनके नाम राजकुमार (35 वर्ष) पुत्र राजपाल, विश्वास 30 वर्ष) पुत्र रतिराम, जसवीर (45 वर्ष) पुत्र सिताब, चरण सिंह पुत्र मुल्तान, धनीराम (57 वर्ष), संजय (46 वर्ष) पुत्र मामराज, धनीराम (45) पुत्र जवाहर, मांगे राम (40 वर्ष) पुत्र बलजीत, ज्ञान सिंह (56 साल) पुत्र जीराम, सोराज (40 पुत्र) सुमेर सिंह, चंद्र (50 वर्ष) पुत्र मेहर सिंह, ध्यान सिंह (30 पुत्र) हरपाल, नरेश (48) व जाहरू (50) पुत्रगण सिमर शामिल हैं।
हरिद्वार जनपद के रुड़की क्षेत्र-2 के अन्तर्गत बालूपुर एवं बिंदु गांव तथा मलभसवां में अवैध शराब पीने से लगभग 14 व्यक्तियों की मृत्यु पर वित्त व आबकारी मंत्री प्रकाश पन्त ने गहरा दुख व्यक्त किया है और विभागीय लापरवाही पर कड़ी कार्यवाही करते हुए आबकारी विभाग के कुल 13 अधिकारियों/कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। यह निलम्बन कार्यवाही अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है, इसके साथ ही पूरे राज्य में अवैध शराब, शराब की तस्करी और कच्ची शराब के निर्माण के विरुद्ध विशेष अभियान चलाये जाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि घायलों के उपचार के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि इस हृदयविदारक घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं है। घटना में बीमार लोगों के उपचार व उनकी जान बचाने के सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दे दिए हैं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अवैध शराब के सेवन से हुई दुर्घटना में मृतकों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। इस घटना को हृदय विदारक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने इसमें बीमार लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
इस मामले में प्रमुख सचिव सचिव आनंद वर्धन ने आबकारी निरीक्षक समेत 13 लोगों को निलंबित कर दिया। सभी को मुख्यालय ज्वाइन करने के आदेश तत्काल दिये गए हैं। चेकिंग, प्रवर्तन के मामले में सभी लापरवाह पाए गए। निलंबित किए गए कर्मियों में आबकारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह, प्रधान आबकारी सिपाही महेश चंद्र पंत, जगमोहन सेठी, अजब सिंह, आबकारी सिपाही प्रमिल कुमार, अनुरानी, सृष्ठि यादव, आबकारी निरीक्षक दर्शन सिंह, उप आबकारी निरीक्षक लाखीराम सकलानी, प्रधान आबकारी सिपाही विनोद सिंह, आबकारी सिपाही प्रमोद कुमार, अंजू गिरी, पूजा देवी शामिल हैं।