आपदा की घड़ी में मेरे दर्द से अधिक प्रभावितों का दर्द रखता है मायने : धामी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मुनस्यारी : उत्तराखंड में धारचूला से कांग्रेस विधायक गुरुवार को एक हादसे का शिकार होने से तब बच गए जब वे पिथौरागढ़ के मोरी गांव में आपदा पीड़ितों की समस्याएं सुनकर लौट रहे थे। गांव से वापसी के दौआन विधायक उफनते नाले को रस्सी के सहारे पार कर रहे थे। इसी दौरान उनका संतुलन बिगड़ा और वे नाले के तेज बहाव में बहने लगे। नाले में मलबे का बहाव इतना तेज था कि वे करीब 10 मीटर तक बह गए। उनके साथ चल रहे साथियों ने उन्हें किसी तरह उनको बचाया। बोल्डरों की चपेट में आने से विधायक के हाथ, पैर और माथे पर चोटें भी आई हैं।
गौरतलब हो कि 19 जुलाई को मेतली, बगीचागांव, लुम्ती आदि गांवों में बारिश ने जमकर कहर बरपाया था। इसके बाद 29 जुलाई को भी मोरी गांव में बारिश ने भयानक रूप ले लिया। विधायक गुरुवार को आपदा प्रभावित लोगों से मिलने गए थे। घटना के बाद भी वे वहां आपदा प्रभावितों का दर्द बांटने दर्द से कराहते हुए 8 किमी पैदल चलकर चामी पहुंचे। वहां मौजूद सेना के फार्मासिस्ट से प्राथमिक उपचार कराने के बाद उन्हें थोड़ी बहुत राहत मिली। विधायक हरीश धामी ने कहा इस आपदा की घड़ी में मेरे दर्द से अधिक प्रभावितों का दर्द मायने रखता है। उन्होंने कहा उनका प्रभावितों तक हरसंभव मदद पहुंचाने का प्रयास रहेगा।