शहीद परिवार के साथ हर वक्त खड़ी है उत्तराखंड सरकार : सीएम
शहीद की पत्नी को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में नौकरी दी जायेगी
हरिद्वार में पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद राजेंद्र सिंह नेगी का पार्थिव शरीर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सैनिक काॅलोनी, अम्बीवाला, देहरादून में 11वीं गढ़वाल रायफल्स के शहीद हवलादार श्री राजेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनके परिवारजनों को सांतवना दी।
उन्होंने कहा कि हवलदार राजेन्द्र सिंह के पार्थिव देह को ढ़ूढ़ने के लिए जवानों ने काफी मेहनत की। रक्षा मंत्री जी एवं सेनाध्यक्ष से भी इस संबंध में बात हुई थी। मुख्यमंत्री पहले भी हवलदार राजेन्द्र सिंह के पिता एवं पत्नी से मिले थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीद राजेन्द्र सिंह के परिवारजनों को अनुमन्य सहायता राशि दी जायेगी। उनकी पत्नी को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में नौकरी दी जायेगी।
इस अवसर पर विधायक श्री हरवंश कपूर, श्री गणेश जोशी, श्री सहदेव सिंह पुण्डीर एवं सैन्य अधिकारियों ने हवलदार राजेन्द्र सिंह के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हरिद्वार ले जाया गया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ गंगा घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। पिता रतन सिंह ने शहीद को मुखाग्रि दी।
गौरतलब हो कि हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी सेना की 11 गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वह बारामुला के गुलमर्ग इलाके में तैनात थे। आठ जनवरी को ड्यूटी के दौरान एवलांच आने से वह फिसलकर पाकिस्तान की सीमा की तरफ गिर गए थे।
सेना ने काफी दिनों तक रेस्क्यू किया, लेकिन उनका पता नहीं चल पाया था। जिसके बाद 21 मई को सेना ने उन्हें बैटल कैजुल्टी मानते हुए शहीद घोषित कर दिया था। आठ माह बाद 15 अगस्त को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उनका शव बरामद किया था। तब से सेना के श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में रखा गया था।
बुधवार शाम सवा पांच बजे उनके पार्थिव शरीर को एयरफोर्स के विशेष विमान से श्रीनगर से लाया गया। विमान रात करीब पौने आठ बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा। जहां शहीद के पिता रतन सिंह नेगी, भाई कुंदन सिंह नेगी और दिनेश नेगी भी मौजूद रहे। इसके बाद पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से गढ़ी कैंट स्थित मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया।