Uttarakhand

मंत्री करा रही बेटियों की शादी के बजाय, बकरियों की शादी 

  • पति के किडनी मामले में चर्चाओं के बाद अब बकरियों की शादी को लेकर विवाद

देहरादून : उत्तराखंड राज्य में न जाने  कितने ऐसे परिवार होंगे जिनके पास अपने बेटियों की शादी के लिए न तो पैसा है और न उनको सरकारी इमदाद ही अपने बच्चों की शादी या यूँ कहने स्वयम्बर के लिए मिल पा रही है, वहीँ सूबे की महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री करवा रही हैं बकरियों की शादी। भले ही यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी लगे, लेकिन उत्तराखंड में यह सच में होने वाला है। मसूरी के समीप धनोल्टी में बकायदा बकरी स्वयंवर का आयोजन रखा गया है। 23 से 24 फरवरी को धनोल्टी में बकरी स्वयंवर रखा है। इसमें पूरे वि‌धि विधान और रीति रिवाजों के साथ बकरियों का स्वयंवर होगा, लेकिन इस अनोखे आयोजन को लेकर सरकार के दो मंत्रियों के बीच तकरार से अड़चन खड़ी हो गई है।  

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास और पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य अपने पति के किडनी मामले में चर्चाओं के बाद अब इन दिनों अपने इस नए फैसले से चर्चाओं में हैं। यह मामला है धनोल्टी के ‘बकरी स्वयंवर’ में सरकारी भागीदारी का। रेखा के इस फैसले को लेकर कैबिनेट में उनके सीनियर सहयोगी पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के साथ मतभेद पैदा हो गए हैं। हालांकि, रेखा किसी भी स्तर से आपत्ति या विरोध की बात से इनकार कर रही हैं। लेकिन, सोमवार को महाराज की आपत्ति सामने आने पर उन्होंने जिस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी, उससे मतभेद की बात से इनकार नहीं किया जा सकता।

धनोल्टी में गोट विलेज संस्था पर्यटन और पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ साल से ‘बकरी स्वयंवर’ का आयोजन करता आ रहा है। इसे पशुपालन के लिहाज से अहम मानते हुए रेखा ने पशुपालन विभाग को भी इससे जोड़ने का निर्णय किया। इस बार 23-24 फरवरी को यह आयोजन होना है। इसमें देशभर के अधिकारी शामिल होंगे और बेहतर नस्ल वाले पशुओं की प्रदर्शनी भी होगी। इसकी तैयारियों को लेकर सोमवार को रेखा मीडिया से मुखातिब होने वाली थीं। इसके लिए सुबह 11:30 बजे का वक्त रखा गया था।

इसी बीच महाराज की आपत्ति सामने आई तो अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। महाराज की आपत्ति पशुओं के विवाह में धार्मिक रस्मो-रिवाज के प्रदर्शन पर है। इसके बाद शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द होने की सूचना जारी कर दी गई। इसके पीछे तर्क दिया गया कि इसके मुख्य अतिथि कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल को बनाने का निर्णय किया गया है। उनकी अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस टाली जा रही है। दूसरी तरफ, उनियाल ने इसकी जानकारी से इनकार कर दिया।

सतपाल महाराज ने इस आयोजन को बताया संस्कृति का उपहास

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि पशुपालन प्रोत्साहन के लिए प्रयास किए जाएं, अच्छा है। लेकिन, वहां मंत्रोच्चार के बीच बकरियों के ब्याह कराए जाएं, यह ठीक नहीं है। यह एक तरह से हमारी संस्कृति का उपहास होगा। मेरी आपत्ति बस इसी बात को लेकर है।

रेखा आर्य ने कहा यह आयोजन कोई नया नहीं 

महिला सशक्तिकरण एवं पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य का कहना है कि बकरी स्वयंवर सरकार नहीं, बल्कि स्थानीय संस्था करवा रही है। कृषि मंत्री से मुख्य अतिथि का अनुरोध किया गया है। उनकी मंजूरी के बाद कार्यक्रम होगा। रही बात महाराज की आपत्ति की, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं। यह आयोजन कोई नया नहीं है। 

पर्यटन और पशुपालन को बढ़ावा देता है यह आयोजन 

गोट विलेज संस्था के सुभाष रमोला ने कहा कि बकरी स्वयंवर संस्कृति का उपहास नहीं, बल्कि पर्यटन और पशुपालन को बढ़ावा देने का प्रयास भर है। इसके आयोजन के दौरान बकरीपालन की जानकारियां दी जाती हैं। इस तरह के आयोजनों से पिछले कुछ साल में पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।

devbhoomimedia

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