PITHORAGARH

मदकोट-दारमा मोटर मार्ग पिछले 15 दिनों से बंद होने से बीमारों के सामने खड़ी हुई परेशानी

ग्रामीणों के सामने परिजनों को अस्पताल तक पहुँचाने में करना पड़ा रहा है भारी दिक्कत का सामना 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
मुनस्यारी (पिथौड़ागढ़) : मदकोट -दारमा मोटर मार्ग के पिछले 15 दिनों से बंद पड़े होने से  गोल्मा,इमला, कोटालगॉव,चौना,मंटेना,मालुपाती,हरकोट,जोशा ढूनामानी, गांधीनगर आदि ग्राम सभाओं के ग्रामीणों के सामने परेशानी खड़ी हो गयी है। यहाँ तक कि मार्गों के बहने से ग्रामीणों के सामने परिजनों को अस्पताल तक पहुँचाने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है। 
बीते दिनों जोशा गॉव में भीषण आपदा के बाद ग्राम चौना में यह दूसरी घटना है कि एक बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुँचाने के लिए डोली बनाकर कंधे पर नदी नाले को पार करना पड़ रहा है।  इतना ही नहीं ग्रामीणों के अनुसार इलाके में अतिवृष्टि के चलते इलाके के कई पैदल रास्ते तक आवाजाही के काबिल नहीं बचे है।  ऐसे ग्रामीणों को बीमार व्यक्तियों को बमुश्किल अस्पताल तक चलाकर लाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों के अनुसार पूर्व मैं ढूनामानी से भी रोड बंद होने के कारण ग्रामीण ऐसे ही बीमार व्यक्ति को लेकर अस्पताल तक पहुंचा पाए। ग्रामीणों का कहना है कि आपदा काल में  जिले के आपदा विभाग को मुस्तैदी से कार्य करना चाहिए था लेकिन वह मूकदर्शक बना हुआ है लोग सड़क बंद होने के कारण अपने जरुरत की चीजों से लेकर बीमार लोगो को लाने के लिए परेशानी की मार झेल रहे हैं, लेकिन सम्बंधित विभाग के कान में जूँ तक नहीं रेंग रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि सैंणथल पुल सेरा सुरईधार के ध्वस्त होने से खाद्य सामग्री,की आपूर्ति ठप हो गई है एवं गैस सिलेंडर भरवाने में काफी दिक्कत हो रही है। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था हेतु सैंणथल से बर्निया गांव वाला मोटर रोड़ को बनाया जाता है तो लोगों को बहुत हद तक इलाके के लोगों को राहत मिल सकती है। लेकिन वर्तमान में लोकनिर्माण विभाग और आपदा विभाग के सुस्त रवैए से फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था होना संभव नहीं लग रहा है। उन्होने शीघ्र ही सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है। 

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