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सलाहकार की सलाह और सलाहकार को दरकिनारे करते स्वास्थ्य सचिव झा

दोनों के बीच चल रही अंदरूनी कलह से बदहाल उत्तराखंड का स्वास्थ्य महकमा

झा के कुकृत्यों का मुख्यमंत्री की छवि पर पड़ रहा असर 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। सूबे में स्वास्थ्य महकमे की बदहाली पहले से ही किसी से छुपी नहीं है। अब तो मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ.नवीन बलूनी और स्वास्थ्य सचिव का काम देख रहे नितेश झा के बीच चल रही कलह ने तो स्वास्थ्य विभाग के हालात और भी बिगाड़ दिए हैं। जिसका असर मुख्यमंत्री की छवि पर भी पड़ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री के पास ही स्वास्थ्य मंत्री का भी जिम्मा है। सचिवालय के गलियारों में यह चर्चा तेज हो रही है कि झा नहीं चाहते हैं कि विभाग में बलूनी की कोई दखलंदाजी हो। यानि वे बेख़ौफ़ अपनी सल्तनत चलाते रहें। 

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव नितेश झा इन दिऩों खासी चर्चा में हैं। पहले तो अपने चहेतों को पहाड़ से मैदान में पोस्टिंग दे दी। अब पता चल रहा है कि झा खुद तो इतना ताकतवर मान चुके हैं कि मुख्ममंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ.नवीन बलूनी का विभाग में किसी तरह का हस्तक्षेप चाहते ही नहीं हैं। झा की हिटलरशाही की कार्यशैली के चलते डॉ. नवीन बलूनी ने कार्यालय आना ही छोड़ दिया है। शायद यही वजह है कि सूबे का स्वास्थ्य महकमा इस समय पहले से ज्यादा बदहाल है। नीचे के अफसरों की समझ में ही नहीं आ रहा है कि वे सचिव झा के तुगलकी फरमानों पर अमल करें या फिर सलाहाकर की राय पर।

सचिवालय के गलियारों में यह चर्चा तेज हो रही है कि विभागीय सचिव झा और सलाहकार के बीच अंदरूनी जंग खासी तेज हो रही है। सलाहकार को सचिव का मनमाना रवैया रास नहीं आ रही है तो सचिव नहीं चाहते हैं कि विभाग में बलूनी का किसी तरह का कोई दखल हो। यही वजह है कि सलाहकार ने विभागीय मामलों पर न केवल हस्तक्षेप बंद कर दिया है, बल्कि बलूनी एकदम मौन हो गए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि झा की मनमानी जारी रहेगी या फिर बलूनी की सलाह पर इनके पर कतरे जाएंगे।

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