DEHRADUN
राजधानी में नहीं तो आस -पास के गांवों को तो पानी दे दो सरकार…….
- नागथात की जनता मात्र एक हैंडपंप से कर रही है अपना गुजारा!
-
मंत्री जी 2022 तक क्या जनता यूं ही प्यासी रहेगी ?देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड को बने 18 साल का वक्त हो चुका है कई सरकारें आई और कई सरकारी गई लेकिन अब तक उत्तराखंड की सरकार मूलभूत सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में ही असफल रही है यह हाल राजधानी देहरादून से सटे देहरादून का ही है तो पहाड़ों का आप खुद आकलन कर सकते हैं और देहरादून जिले के पर्वतीय इलाकों का भी कमोवेश यही सूरतेहाल है।
आज हम बात राजधानी देहरादून से महज कुछ ही किलोमीटर दूर चकराता प्रखंड के नागथात की,जहां की जनता मात्र एक हैंडपंप से अपना गुजारा कर रही है यहां नल तो लगे हैं लेकिन सिर्फ दिखाने के लिए, पानी उनमें कभी-कभार ही आता है। कुल मिलाकर एक हैंडपंप है जिससे पूरी इलाके की जनता अपना गला तर करती है कभी कभार हैंडपंप यदि खराब हो जाए तो फिर ग्रामीणों को दूसरे गांव के पानी के स्रोतों पर नजर मारनी पड़ती है।
इलाके में पानी की कमी के कारण स्कूल के बच्चे स्कूल जाने तक के लिए लेट हो जाते है। स्कूल के छात्र मयंक बताते हैं कि पिछले कई सालों से जनप्रतिनिधि भी कहते हैं कि यमुना से पानी लिफ्ट कर सप्लाई किया जाएगा लेकिन आज तक पानी कोई भी सरकार पहुंचा नहीं पाई, ऊपर से एक मात्र हैंडपंप के खराब हो जाने पर फिर पानी मांग मांग कर काम चलाना पड़ता है।
जब इस पूरे मसले पर पेयजल मंत्री प्रकाश पंत से पूछा गया तो मंत्री जी हमें भी आंकड़ों का पाठ पढ़ाने लग गए 2022 तक सभी क्षेत्रों में पेयजल पूर्ति की बात कहने लगे तो क्या मंत्री जी 2022 तक जनता यूं ही प्यासी रहेगी।