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मानव से पशुओं में पहुंचे कोविड-19 संक्रमण कयास से प्राणी उद्यानों में सतर्कता

देश के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के चिड़ियाघरों के प्रबंधकों से सतर्कता बढ़ाने को अलर्ट  

सी एम पपनैं

नई दिल्ली : अमेरिका के न्यूयार्क स्थित सु-प्रसिद्ध ब्राक्स नामक चिड़ियाघर मे एक चार वर्षीय नादिया नामक मलय प्रजाति की बाघिन के कोविड-19 से संक्रमण की पुष्टि अमेरिकी कृषि विभाग की राष्ट्रीय पशु चिकित्सा सेवा प्रयोगशाला द्वारा होने के बाद, हमारे देश के केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की मन्त्रणा तथा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण सदस्य सचिव एस पी यादव द्वारा देश के सभी राज्यो व केंद्रशासित प्रदेशों के चिड़ियाघरों के प्रबंधकों से सतर्कता बढ़ाने, हाई अलर्ट पर रहने, सीसीटीवी कैमरों के जरिये जानवरों की किसी भी असमान्य व्यवहार या लक्षण का पता लगाने के लिए हर पल तैयार रहने, संदिग्ध मामलों में नमूने लेकर उन्हे कोविड-19 जांच हेतु पशु स्वास्थ्य संस्थानों भोपाल, हिसार या बरेली भेजने तथा बीमार पशुओं को पृथक वास मे रखने हेतु पत्र लिख, अवगत कराया गया है।

अवलोकन कर ज्ञात होता है, हमारे देश में चिड़ियाघर दुर्लभ पशुओं और पक्षियों के संरक्षण और उन पर शोध करने के लिए निर्मित किए गए थे, जो वर्तमान मे मात्र मनोरंजन के केंद्र बन कर रह गए हैं। संरक्षण की जगह अधिकतर पशु-पक्षी इन चिड़ियाघरों मे मानसिक रूप से बीमार हो, कैद हैं।

हमारे देश में विभिन्न प्रजातियो के पशु-पक्षियों के चिड़ियाघरों की संख्या 543 के करीब है। जिनमे अधिकतर मे पशु-पक्षियों की संख्यानुसार क्षेत्रफल बहुत कम है, कारणवश मुक्त रूप मे विचरण करने वाले इन प्राणियो के बीच अगर कोविड-19 फैल गया तो बहुत बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इसी संकट के मद्धयेनजर हमारी सरकार व संबंधित प्रशासन को आनन-फानन मे ये उचित कदम उठाना पड़ा है।

वैश्विक फलक पर इस वक्त कोविड-19 का सबसे बड़ा कहर अमेरिका झेल रहा है। विगत कुछ दिंनो से प्रतिदिन यहां एक हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हो रही है। संक्रमितो की संख्या लाखों मे है। उक्त बाघिन को चिड़ियाघर मे कोरोना संक्रमण कार्यरत कर्मचारी द्वारा फैलने का कयास लगाया जा रहा है। जिसे मानव से पशु मे फैले इस घातक विषाणु से संक्रमित होने का पहला ज्ञात मामला माना जा रहा है।

अमेरिका मे मानव से बाघिन मे फैले इस संक्रमण की घटना से वैश्विक फलक पर नए प्रश्न उठ खड़े हुए हैं, क्योकि अमेरिकी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक स्वास्थ्य सूचकांक मे पहला स्थान हासिल है, जिसके बावजूद कोरोना संक्रमण फैलने पर अमेरिकी प्रशासन द्वारा अपने नागरिको की सुरक्षा के इंतजाम नही कर पाने से उसकी सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति की कमियां वैश्विक फलक पर दृष्टिगत हो रही हैं। संक्रमण के प्रतिदिन बढ़ते चरण से अमेरिका की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। बाघिन मे कोविड-19 की पुष्टि से अमेरिका ज्यादा भयभीत हो गया है। आजतक विश्व का सबसे ज्यादा साधन सम्पन्न देश अमेरिका जहां फौज, अंतरिक्ष विज्ञान तथा नई प्रौद्योगिकी पर जोर दे रहा था। अब देखा जा रहा है, उक्त समृद्ध रहे देश मे जैविक महामारी से बचने की तैयारी को लेकर बहस तेज होने लगी है। जाहिर है अमेरिका को अपनी नीतियों मे फिर से समीक्षा की जरूरत पड़ेगी, पुनः विश्व के सम्मुख अपने आप को सबसे समृद्ध व शक्तिशाली राष्ट्र कहलवाने के लिए।

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