CRIME

धोखाधड़ी में चर्चित वांछित पायलट बाबा का समर्पण मिली जेल

  • सीजेएम कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
  • जिला कोर्ट ने भी खारिज की जमानत अर्जी 
  • अब हाई कोर्ट में बाबा डालेगा जमानत की अर्जी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नैनीताल: एक दशक पहले एक रुपये में एक माह के कंप्यूटर प्रशिक्षण का युवाओं को सपना दिखाने वाले आइकावा इंटरनेशनल की फ्रेंचाइजी देने के बाद कंपनी बंद कर लाखों की धोखाधड़ी के मामले में वांछित पाइलट बाबा ने गुरुवार को नैनीताल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। बाबा की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र दत्त की कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने 15 पेज के आदेश में साफ कहा कि मेडिकल आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। यह भी कहा कि आरोपित द्वारा लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है। सवाल उठाया कि स्वास्थ्य खराब है तो घूम कैसे रहे हैं।

गौरतलब हो कि 25 नवंबर 2008 को हल्द्वानी गौजाजाली निवासी हरीश पाल ने ज्योलीकोट चौकी में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आइकावा इंटरनेशनल एजुकेशन के हिमांशु राय, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा पुत्र चंद्रमा सिंह, निवासी ग्राम परेवा सासाराम बिहार, हाल निवास ए-65 एपाटमेंट विकास पुरी नई दिल्ली, इरशत खान, इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी, मंगल गिरी के खिलाफ धोखाधड़ी व षड़यंत्र में मुकदमा दर्ज किया। पाल का आरोप था कि कंप्यूटर सेंटर संचालन को 50 हजार पांच सौ रुपये देने का भरोसा दिया गया और धोखाधड़ी से 67 हजार 860 रुपये प्राप्त किए। तीन लाख 20 हजार से अधिक की रकम पायलट बाबा ने हड़प ली। हल्द्वानी के बॉबी राज, अनुराग, नवाब हुसैन समेत 11 हजार लोगों के साथ भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा के अनुसार इस मामले में सीबीसीआइडी ने जांच पूरी कर जून 2010 में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। सभी सात आरोपियों को सम्मन भेजे गए। छह अन्य अब भी फरार हैं। पायलट बाबा ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की तो कोर्ट ने उन्हें आत्मसमर्पण करने व उसी दिन जमानत अर्जी पर सुनवाई के निर्देश पारित किए। गुरुवार दोपहर को व्हील चेयर में पायलट बाबा ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी तनुजा वर्मा ने जमानत का कड़ा विरोध किया, जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी आरोपों का प्रतिवाद किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।

आइकावा इंटरनेशनल के मनमोहक ऑफर की वजह से फंसे फ्रेंचाइजी : आइकावा इंटरनेशनल संस्था द्वारा कंप्यूटर शिक्षा के प्रसार के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया, जिसमें कहा गया कि एक रुपये प्रतिमाह पर एक वर्षीय प्रशिक्षण प्रदान दिया जाएगा। संस्था ने फ्रेंचाइजी आमंत्रित की और प्रत्येक फ्रेंचाइजी से 50 हजार रजिस्ट्रेशन फीस, 1600 रुपये सर्वे फीस व 112 रुपये प्रति विद्यार्थी फीस व कंप्यूटर बुक का मूल्य 212 प्रति विद्यार्थी ली गई। भरोसा दिया गया कि फ्रेंचाइजी को संस्था हर माह इसके एवज में 50 हजार पांच सौ भुगतान करेगी। प्रशिक्षण केंद्र खोलने में खर्च का भुगतान, केंद्र पर्यवेक्षक, आइटी पर्यवेक्षक, स्वागती को प्रतिमाह 3500, 1800 रुपये प्रदान किए जाएंगे, यह तय था। पायलट बाबा व आइकावा इंटरनेशनल की गुडविल को देखते हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल में कई लोगों ने संस्था की फ्रेंचाइजी ली।

Related Articles

Back to top button
Translate »