अन्तर्राष्ट्रीय पदक राष्ट्रपति को सौंपे, संत समाज में हर्ष की लहर

नयी दिल्ली । आदि गुरू शंकराचार्य जी की जयंती पर आदि गुरू शंकराचार्य महाशक्तिपीठ ने महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन में महान विश्व रत्न अवार्ड प्रदान किया। यह अवार्ड अनंत विभूषित जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने महामहिम राष्ट्रपति को भेंट किया।
इस अवसर पर आदि गुरू शंकराचार्य महाशक्ति एवं भगवान लक्ष्मी नारायण धाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संस्थापकाचार्य ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने अपने सभी अंतर्राष्ट्रीय सम्मान पदक महामहिम राष्ट्रपति को सौंप दिए। ये सम्मान और पदक विश्व की सरकारों ने अविस्मरणीय कार्य करने के लिए ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को प्रदान किए थे। इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आदि शंकराचार्य की जयंती पर 1 मई को होने वाले प्रभु कृपा दुख निवारण समागम की विशेष बधाई दी। महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को इस विशाल आयोजन की बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि 29 अप्रैल को पूरे विश्व में ‘ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी डेÓ धूमधाम से मनाया गया। महामहिम राष्ट्रपति को अपने सभी अवार्ड सौंपते हुए ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी जी ने कहा कि ये सभी अवार्ड व्यक्तिगत न होकर भारतीय संस्कृति और सनातन मर्यादा के सम्मान हैंं। इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी की पुस्तक मयखाना का विमोचन भी किया। महामहिम राष्ट्रपति ने विश्व की सर्वोच्च आध्यात्मिक संस्था भगवान लक्ष्मी नारायण धाम की गतिविधियों का अवलोकन भी किया।
ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी के परम शिष्य स्वामी मनदीप नारंग महाराज ने बताया कि गुरूदेव कुमार स्वामी 10 जून से 27 जून तक विदेशों भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करेगें। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में गुरूदेव अपने मंत्रों के जाप से विश्व के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। जो अपने आप में एक मिसाल साबित होगी। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद एवं दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने संयुक्त रूप से ब्रह्मषि कुमार स्वामी के निर्णय की सराहना की। अन्तर्राष्ट्रीय पदक राष्ट्रपति को सौंपना प्रासंगिक हैंं उनके निर्णय का हम सम्मान करते हैंं अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान पदक स्वेच्छा से दिया जाना संत सम्मान के लिए भी गौरव का विषय है। हरिद्वार के कई संतों महंतों ने ब्रह्मषि कुमार स्वामी के द्वारा पदक राष्ट्रपति के सौंपे जाने के निर्णय पर हर्ष जताया।