कानून के उन प्रावधानों में संशोधन को तैयार है जिनको लेकर किसानों को है आपत्ति :केंद्र सरकार
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगते हुए कृषि कानून को रद्द करने की याचिका दायर की है। भारतीय किसान यूनियन की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि नए कृषि कानून उन्हें कॉर्पोरेट लालच का शिकार बना देंगे।
भारतीय किसान यूनियन द्वारा सरकार से कई दौर की बातचीत और संशोधन प्रस्ताव खारिज करने के बाद एक तरफ आंदोलन तेज करने का फैसला किया है तो दूसरी तरफ उन्होंने न्यायपालिका का भी दरवाज़ा खटखटाया है।
किसानों ने यह कदम केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को खारिज करने के बाद उठाया है जिसमें मोदी सरकार ने कहा है कि वह कानून के उन प्रावधानों में संशोधन को तैयार है जिनको लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है। सरकार ने एमएसपी पर लिखित में भरोसा देने की बात कही है तो यह भी आश्वासन दिया है कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में करार केवल फसल के लिए होगा, इसलिए जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है।लेकिन किसान कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।