गुरू शिष्य की परम्परा को कायम रखने की आवश्यकता :डॉ. हरक सिंह रावत
देहरादून। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के तत्वावधान में अंतर महाविद्यालयी सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवं समारोह में छात्राओं ने अपनी लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों व निर्णायकों को अपनी ओर आकर्षित किया। वहीं वायस ऑफ इंडिया फेम दीपा धामी के गीतों पर छात्र-छात्राओं ने जमकर नृत्य किया। इस दौरान विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गये।
डीबीएस पीजी कालेज के खुले प्रागंण में दो दिवसीय अंतर महाविद्यालयी सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवं समारोह के अंतिम दिन कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत व अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित करते हुए समारोह का विधिवत उदघाटन किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रतियोगिता की शुरूआत की गई और क्लासिकल म्यूजिक में डीबीएस कालेज की छात्रा तपस्या ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी और वहीं इसी वर्ग में कालेज की सुलक्षणा पंडित ने अपनी प्रस्तुति से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।
लोकनृत्य में गढ़वाली एवं जौनसारी गीतों की धूम रही। इस अवसर पर डीआईएमटी कॉलेज की छात्राओं ने गढ़वाली गीत सुण जा बात मेरी गलाणी हां वे हां पर अपनी दमदार प्रस्तुति दी। वहीं डीडी कॉलेज की छात्राओं ने भी गढ़वाली गीत घुघती पर अपनी प्रस्तुति दी और राजकीय डिग्री कालेज रायपुर की छात्राओं ने भी भी गढ़वाली गीत पर नृत्य प्रस्तुत करते हुए सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।
वहीं आयोजक डीबीएस पीजी कालेज की छात्राओं ने जौनसारी गीत पर शानदार प्रस्तुति देकर सभी को अपनी ओर आकर्षित किया और छात्र छात्रायें भी झूमने को विवश हो गये। कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा है कि आज के परिवेश में इस प्रकार के समारोहों से प्रतिस्पर्धा की दौर में बने रहने की प्रेरणा मिलती है और इस प्रकार के आयोजन से हर किसी को आगे बढने की ललक रहती है। उनका कहना है कि आज के परिवेश में गुरू शिष्य की परम्परा को कायम रखने की आवश्यकता है और इसके लिए शिक्षकों के साथ ही साथ अभिभावकों को भी एकजुटता का परिचय देते हुए आगे आने की आवश्यकता है।