UTTARAKHAND

उत्तरकाशी के 133 गांवों में सिर्फ लड़कों के जन्म का दावा झूठा !

सुर्खियां बटोरने के उद्देश्य से तो नहीं किया गया यह दावा

छह ब्लॉक में अप्रैल से जून माह तक 1024 बच्चों ने लिया जन्म

जिनमें 468 बालक और 479 बालिकाएं हुईं  पैदा 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : उत्तरकाशी जिले के 133 गांवों में पिछले तीन माह में केवल लड़कों का जन्म होने के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों को उत्तराखंड के महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के ताजा सर्वेंक्षण ने झुठलाते हुए दावा किया है कि इस अवधि में इन गांवों में 62 लड़कियां भी पैदा हुईं। यह सर्वेंक्षण राज्य की महिला सशक्तिकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के निर्देश पर कराया गया।

वहीं चर्चा यह भी है कि जिलाधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी द्वारा केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के उद्देश्य से इस तरह का दावा किया गया था। जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार उत्तरकाशी जिले के छह विकास खण्डों में अप्रैल से जून माह तक 1024 बच्चों ने जन्म लिया जिनमें 468 बालक और 479 बालिकाएं पैदा हुई। जबकि इससे पहले 18 जुलाई को आशा कार्यकर्ताओं ने 622 प्रसव होने के बाद 236 बालिकाएं और 386 बालकों जन्म होना बताया था।  

महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा ने समाचार-पत्रों में प्रकाशित इस आशय की खबरों के मद्देनजर संबंधित सभी 133 गांवों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों से पिछले तीन महीनों में जन्मे बच्चों का सर्वेंक्षण कराने के निर्देश दिए थे । उत्तरकाशी के जिला कार्यक्रम अधिकारी विक्रम सिंह ने मंत्री को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिले के छह विकास खंडों में स्थित इन 133 गांवों में संचालित 158 आंगनबाड़ी केंद्रों में पिछले तीन माह में कुल 222 बच्चे पैदा हुए जिनमें से 160 लड़के और 62 लड़कियां हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, भटवाड़ी और डुंडा विकास खंड में इस अवधि में 12-12 लड़कियां, चिन्यालीसौड में आठ, नौगांव में 19, पुरोला में दो और मोरी में नौ लड़कियां पैदा हुईं। ताजा सर्वेक्षण के नतीजे सामने आने के बाद मंत्री रेखा ने कन्या भ्रूण हत्या की आशंका को भी नकार दिया। उन्होंने कहा, ”इन विकास खंडों में कन्या भ्रूण हत्या की आशंका भी निराधार साबित हुई है क्योंकि वहां बालिकाओं ने भी जन्म लिया।”

हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की तह तक जाने के लिए अपनी जांच जारी रखेगी और यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि इन विकास खंडों में पिछले तीन माह में भ्रूण लिंगानुपात इतना कम क्यों रहा। पिछले दिनों उत्तरकाशी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन गांवों में पिछले तीन महीनों में एक भी बच्ची के जन्म न लेने के आंकडे़ जारी किए जाने के बाद प्रदेश से लेकर देश तक में हड़कंप मच गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री रावत ने इसकी जांच के आदेश दिए थे।

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