ALMORA

खजुरानी गांव में बच जाती किशोरी की जान यदि समय पर मिल जाती मदद

अल्मोड़ा। उत्तराखंड का अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में स्थित खजुरानी गांव इन दिनों सुर्खियों हैँ। इस गांव में एक ऐसा परिवार है जो लंबे समय से एक रहस्मय बीमारी से जूझ रहा है। कुछ दिन पहले परिवार में एक किशोरी की मौत हो गई, तो मीडिया में मामला सामने आने के बाद गांव में पूरा प्रशासनिक अमला पहुंच गया। रोज नेता और देशभर की मीडिया गांव में पहुंच रही है।

हालाँकि अब कई संगठन भी प्रभावित परिवार को मदद आगे आ रहे हैं। प्रभावित परिवार को पेंशन और मुफ्त में राशन भी मिलने लगा है। लेकिन बीते साल में प्रभावित परिवार ने सरकार से मदद मांगी। लेकिन यह मदद उन तक नहीं पहुंच सकी। गांव के लोगों का कहना है कि यदि जो मदद प्रशासन और सकार की ओर से अब दी जा रही है। वह पहले मिल जाती तो गांव में किशोरी की मौत नहीं होती।

खजुरानी गांव का बिष्ट परिवार एक अनुवाशिंक बीमार से जूझ रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक इस बीमारी में रोगी दिनभर खाना अत्यधिक मात्रा में खाना खाता है। रोग से करीब एक दशक पहले जानकी देवी की सास भागुली देवी, फिर पति खुशाल सिंह, ननद लछीमा देवी की मौत हो गई। जबकि 14 अप्रैल को बेटी सरिता के भी इस रोग की चपेट में आने के बाद मौत हो गई। जानकी के देवर अर्जुन बेटा दीवान और हर सिंह भी इस रोग से जूझ रहे हैं।

घटना के बाद जब जानकी से मामले की जानकारी ली तो उसने बताया कि उसकी घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। छह माह में घर में एक रूपया नहीं कमाया। पहले आर्मी से सेवानिवृत्त ससुर थे। घर का खर्चा चल जाता। ससुर की मौत के बाद घर का खर्चा चलाना बेहद कठिन हो जाता है। जानकी ने बताया कि डेढ़ साल पहले सरकार से उसे डेढ़ लाख रूपये मिलने की बात लोग कह रहे थे। यदि वह मिल जाते तो उसकी बेटी बच सकती थी। उसने बताया कि उसके बच्चों को जो बीमारी है। इसमें वह अत्यधिक खाना खाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से वह अपने बच्चों उनके आवश्यकता के मुताबिक भोजन नहीं करा पाती है।

अल्मोड़ा के जिलाधिखारी सविन बंसल ने कहा कि हम परिवार की हरसभंव मदद कर रहे हैं। मैं एक माह पहले गांव में गया था। तब किसी ने इस बारे में कुछ नहीं बताया। द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी ने कहा कि किशोरी की मौत के बाद प्रदेश सरकार परिवार के साथ हैँ। परिवार की हम हर संभव मदद कर रहे हैं।

devbhoomimedia

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