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आईएएस अधिकारी क्लब को देना होगा टैक्स : गुप्ता

देहरादून । उत्तराखण्ड में आईएएस अफसर क्लब पर कांग्रेस सरकार इतनी मेहरबान थी कि उसने क्लब को पांच करोड़ का अनुदान दिया था। अब जब आयकर विभाग ने उत्तराखण्ड आईएएस आॅफिसर्स क्लब को खातों को खंगाला तो तीन करोड की आमदनी का कोई लेखा जोखा न मिलने पर क्लब को टैक्स जमा कराने का नोटिस दिया था, परन्तु कार्यवाही लंबित थी और अब कार्यवाही की गई है।
आयकर विभाग की इस कार्यवाही से आफिसर्स क्लब के संचालकों के सामने एक बडा संकट खडा हो गया था और वह आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ अपील में चले गये थे लेकिन आयकर विभाग की टीम ने जब क्लब के खाते खंगाले तो आयकर टीम की कार्यवाही को सही पाया और अब क्लब को टैक्स जमा कराने का आदेश दिया गया है। अब देखने वाली बात है कि क्लब यह पैसे आयकर विभाग में जमा कराता है या फिर आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ वह न्यायालय का दरवाजा खटखटायेगा।
आयकर विभाग सभी क्लबों के खातों का परीक्षण करता है और इसी के तहत उत्तराखण्ड आईएएस आॅफिसर्स क्लब के हाथों को भी परीक्षण किया गया था। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 2015-16 का जब आयकर विभाग ने आफिसर्स क्लब के खातों का अवलोकन किया था तो उसमें सात करोड रूपये की इन्कम आई थी जिस पर खातों को देखने से पता चला कि पांच करोड रूपये की ग्रांट तो 2014-15 में कांग्रेस शासनकाल में क्लब को मिली थी और क्लब ने इस पैसे को बैंक में जमा कर दिया था और उसका ब्याज इस्तेमाल किया जा रहा था।
उन्होंने बताया कि क्लब को तीन करोड रूपये की आमदनी हुई लेकिन इसका लेखा जोखा नहीं था जिस पर क्लब को तीन करोड रूपये का टैक्स जमा कराने के लिए कहा गया था। आईएएस आॅफिसर्स क्लब ने आयकर विभाग के इस पत्र के बाद विभाग में तीन करोड का बीस प्रतिशत जमा करके अपील की थी कि उन्हें टैक्स में छूट है। चीफ कमीश्नर ने बताया कि क्लब की जब अपील को सुना गया तो साफ हुआ कि उनका टैक्स छूट की परिधि मंे नहीं आता इसलिए उन्हंे तीन करोड रूपये का टैक्स आयकर विभाग मंे जमा कराना होगा। उन्हांेने बताया कि उन क्लबों को आयकर में छूट होती है जो वैलफेयर व चैरिटी का काम करते हैं लेकिन आईएएस आॅफिसर्स क्लब इस तरह का कोई काम नहीं करते इसलिए उन्हें तीन करोड रूपये की आमदनी का टैक्स देना ही होगा।