CRIME

अलकनंदा नदी में डूबी सेल्‍फी के शौक के चलते 12वीं छात्रा

रुद्रप्रयाग : सेल्फी का शौक एक छात्रा की लील गया। अपने नौ साथियों के साथ घूमने आई छात्रा अलकनंदा नदी के किनारे सेल्फी लेने पहुंची। लेकिन, तेज धार में वह बह गई। रुद्रप्रयाग के कोतवाल डीएस पंवार ने बताया कि पौड़ी से पांच छात्र और चार छात्राओं का एक दल घूमने कोटेश्वर आया हुआ था।

अपने साथियों के साथ रुद्रप्रयाग घूमने आई एक युवती कोटेश्वर मंदिर के समीप पैर फिसल जाने से अलकनंदा नदी में बह गई। सूचना पर पुलिस दल मौके पर पहुंचा। नदी में काफी खोजबीन के बाद भी देर शाम तक युवती का पता नहीं चल सका। पौड़ी से शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे नौ सदस्यीय ट्यूशन ग्रुप रुद्रप्रयाग घूमने पहुंचा। ग्रुप के सभी सदस्य मुख्य बाजार से होते हुए कोटेश्वर मंदिर पहुंचे। यहां मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद गुफा की तरफ गए और वहां से अलकनंदा नदी किनारे पहुंचे।

यहां ये लोग कैमरे और मोबाइल से फोटो खींच रहे थे, तभी ग्रुप की एक सदस्य आशना भंडारी (18) पुत्री आलोक भंडारी, निवासी पुलिस लाइन, पौड़ी का अचानक पैर फिसल गया और वह नदी में जा गिरी। साथियों के चीख-पुकार पर मंदिर में मौजूद अन्य लोग भी मौके पर पहुंचे।युवती को बचाने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन वह, नदी के तेज बहाव में बह गई। सूचना पर पुलिस व रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, लेकिन उन्हें भी कोई सफलता नहीं मिली। पुलिस के देर शाम तक रेस्क्यू अभियान चलाने के बाद भी देर शाम तक युवती का पता नहीं चल पाया।

कोतवाली प्रभारी डीएस पंवार ने बताया कि घटना क्षेत्र राजस्व पुलिस के अधीन है, लेकिन, युवती की खोजबीन के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। रविवार को सेना के गोताखोरों की भी मदद ली जाएगी। हरिद्वार से भी गोताखोर बुलाए जाएंगे। बता दें कि कोटेश्वर में अलकनंदा नदी का स्पान 100 मीटर से भी अधिक होने के साथ तेज भंवर हैं।

सुरक्षा के नहीं इंतजाम
जिला मुख्यालय से करीब पांच किमी की दूरी पर स्थित कोटेश्वर में गुफा और अलकनंदा नदी में बमुश्किल तीन मीटर की दूरी है। यहां पर सावन माह में प्रत्येक सोमवार को हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं, वहीं अन्य महीनों में भी निरंतर श्रद्धालु मंदिर में दर्शनों को पहुंचते हैं। इसके बाद भी यहां पर सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।

लगातार हो रही बहने की घटनाएं
मंदाकिनी और अलकनंदा नदी में पिछले दो वर्षो में युवा/युवतियों के बहने की छह घटनाएं हो चुकी हैं। 2015 में संगम पर अंत्येष्टि में शामिल होने पहुंचे मामा-भांजा की बहने से मौत हो गई थी। पिछले वर्ष होली में जवाड़ी बाईपास के पास नदी में नहाने गया युवक बह गया था। बीते वर्ष सितंबर में कोटेश्वर में दो युवक नहाते समय बह गए थे।

devbhoomimedia

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