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आयुष्मान योजना के तहत उपचार देने में हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट बना देश का नंबर वन हॉस्पिटल

वर्ष 2020 में करीब 26 हजार रोगियों का किया गया आयुष्मान योजना के तहत उपचार
हिमालयन हॉस्पिटल को मिला है भारत का एकमात्र ‘आयुष्मान गोल्ड क्वालिटी’ सर्टिफाइड हॉस्पिटल का दर्जा 
आयुष्मान योजना लागू होने के बाद से हिमालयन हॉस्पिटल में करीब 55 हजार रोगियों का हुआ है अब तक उपचार

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : परमपूज्य डॉ. स्वामी राम का सपना था कि उत्तराखंड के गरीब और असहाय लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल होना चाहिए इसी कल्पना को लेकर डॉ. स्वामी राम ने अस्सी के दशक में हिमालयन हॉस्पिटल ट्रस्ट की नींव रखी थी. तब से लेकर अब तक यह संस्थान बट वृक्ष बन चुका है जिसके नीचे आज कई और संस्थान चल रहे हैं और प्रदेश की सेवा में लगे हुए हैं। डॉ.स्वामी राम के सपने के अनुरूप यह संस्थान दिन प्रतिदिन नए आयाम तो स्थापित कर ही रहा है साथ ही अपने दम पर हज़ारों गरीबों को स्वास्थ्य लाभ भी पहुंचा रहा है वह भी निःशुल्क। वहीं दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान योजना में भी यह संस्थान देशभर में अग्रणी संस्थानों में शुमार हो गया है। रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देना हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट मकसद है। वर्ष साल 2020 में आयुष्मान योजना के तहत हिमालयन हॉस्पिटल में करीब 26 हजार रोगियों का उपचार निशुल्क किया गया, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।

कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि कोरोना संकट काल में भी हिमालयन हॉस्पिटल रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा देने से पीछे नहीं हटा। आयुष्मान योजना के तहत रोगियों को निशुल्क उपचार देने में हिमालयन हॉस्पिटल ने एक मिसाल कायम की है। आयुष्मान योजना साल 2018 के आखिर में लागू हुई। इस दौरान करीब चार हजार से ज्यादा रोगियों का उपचार किया गया। दूसरे वर्ष 2019 में करीब 25 हजार जबकि तीसरे वर्ष 26 हजार रोगियों का आयुष्मान योजना के तहत निशुल्क उपचार का लाभ उठाया।

अब तक 55000 से ज्यादा रोगियों का उपचार 

कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना लागू होने के प्रथम वर्ष में ही हिमालयन हॉस्पिटल के नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई थी। इस योजना के तहत रोगियों का उपचार करने में देशभर में हिमालयन हॉस्पिटल अग्रणी रहा। वर्तमान में अब तक 55000 से ज्यादा रोगियों का उपचार किया जा चुका है।

हिमालयन देश का पहला आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड टीचिंग हॉस्पिटल

हिमालयन हॉस्पिटल ने आयुष्मान योजना के तहत देशभर में सबसे ज्यादा रोगियों का निशुल्क उपचार ही नहीं किया। बल्कि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के तहत गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया करवाई। इसके लिए भारत सरकार ने हिमालयन हॉस्पिटल को ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफिकेशन’ का दर्जा दिया। कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड के मानक कितने कठिन हैं इस बात से समझा जा सकता है कि भारत में करीब 650 मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हैं। इनमें से हिमालयन देश का एकमात्र टीचिंग हॉस्पिटल है जो ‘आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड’ है।

क्या होता है आयुष्मान गोल्ड सर्टिफाइड ?

अटल आयुष्मान योजना (उत्तराखण्ड) निदेशक एडमिनिस्ट्रेशन एवं मेडिकल क्वालिटी की डॉ.अर्चना श्रीवास्तव ने बताया की आयुष्मान योजना से संबधित अस्पतालों के लिए ब्रोंज, सिल्वर व गोल्ड की तीन श्रेणिया बनाई गई हैं। इन श्रेणियों में गोल्ड श्रेणी में सर्टिफिकेशन सर्वश्रेष्ठ होता है। गोल्ड सर्टिफिकेशन उन्हीं हॉस्पिटल को दिया जाता है जिन्होंने रोगियों को उपचार में गुणवत्ता के सर्वोच्च मानक पूरे करने के साथ ही गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधा दी है।

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