LAW & ORDERs

हाई कोर्ट ने की भाजपा विधायक कर्णवाल के जाति प्रमाणपत्र को चुनौती वाली याचिका खारिज

साजिश रचने वाले बेनकाब हो गए : कर्णवाल 

कर्णवाल ने कहा दस साल से पी रहे थे अपमान का घूंट 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नैनीताल : हाई कोर्ट से हरिद्वार जिले के झबरेड़ा के भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने विधायक के जाति प्रमाण पत्र को अवैध बताते हुए निरस्त करने संबंधी जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया। राज्य सरकार की ओर से रिपोर्ट दाखिल कर साफ किया देशराज के जाति से संबंधित समस्त प्रमाण पत्रों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है और सभी प्रमाण पत्र पूरी तरह वैध हैं। विधायक ने हाई कोर्ट के फैसले को न्याय की जीत करार दिया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी विपिन तोमर की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया था कि विधायक के जाति से संबंधित समस्त प्रमाण पत्र फर्र्जी हैं। यह प्रमाण पत्र गलत तरीके से हासिल किए गए हैं। कर्णवाल उत्तराखंड के नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के मूल निवासी हैं। जबकि कर्णवाल का कहना था कि वह 1984 से ही हरिद्वार में रह रहे हैं। उन्होंने उनकी माता द्वारा दिया गया किरायानामा तथा हरिद्वार जिला सेवायोजन कार्यालय में पंजीयन प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था।

गौरतलब हो कि हाई कोर्ट के आदेश पर शासन द्वारा अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जाति प्रमाण पत्रों की स्क्रूटनी कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने सात सितंबर को दोनों पक्षों को विस्तार से सुना। जिसके बाद रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट मेें सौंपी। जिसमें जाति प्रमाण पत्र को पूरी तरह वैध करार दिया गया है। साथ ही कहा कि प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी तरह का आपराधिक कृत्य नहीं किया गया है। गुरुवार को मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने शासन की रिपोर्ट के आधार पर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।

इधर नैनीताल पहुंचे विधायक ने कोर्ट के आदेश को न्याय की जीत करार देते हुए कहा कि वह दस साल से अपमान का घूंट पी रहे थे। कोर्ट के आदेश से वह सही साबित हुए हैं। जबकि साजिश रचने वाले बेनकाब हो चुके हैं।

Related Articles

Back to top button
Translate »