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होली पर नेगी ने दिया अभिनय और गीत से लबालब होली का तोहफ़ा

- नेगी जी के गीत लोगों की भावनाओं से जुड़े होते हैं : मुख्यमंत्री

नये गीत के लोकार्पण के लिए बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेगी जी के विषय में बताने की आवश्यकता नहीं है उन्हें उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेश में भी उनकी पहचान है। उन्होंने कहा कि नेगी जी के गीत लोगों की भावनाओं से जुड़े होते हैं। समाज के हर वर्ग को फोकस करते हुए उनके गीत समय की परिस्थितियों के हिसाब से लिखे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने श्री नेगी जी के दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन की कामना की कि आगे भी आपका इसी प्रकार नेगी जी का मार्गदर्शन मिलता रहेगा और वे युवा पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे। इस अवसर पर लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, डॉ.विनोद बछेती, मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ.नवीन बलूनी एवं रमेश भट्ट भी उपस्थित थे।
- “होरी ऐग्ये” गीत यूट्यूब पर जारी
- कविलास नेगी ने निर्देशन व अभिनय के क्षेत्र में छोड़ी छाप
मनोज इष्टवाल


गीत की सिनेमा फोटोग्राफी जहां चमोली जनपद के तीन नामी फोटोग्राफर्स द्वारा की गई वहीं इसकी कोरियोग्राफी का जिम्मा सोहन चौहान ने बखूबी निभाया। गोबिंद नेगी, हरीश भट्ट, चंद्रशेखर चौहान नामक तिगड़ी के इन तीन सिनेमा फोटोग्राफर्स ने बेहतरीन तालमेल के साथ अपने सारे अनुभव इस गीत के फिल्मांकन में झोंक डाले। तीनों कैमरों की रिजुलेशन को बेहद सफाई के साथ गोबिंद नेगी ने सम्पादित किया है जो आम देखने में लेशमात्र भी समझ नहीं सकेगा कि कब कौन सा कैमरा आकर अपना काम कर गया। वाइड लेश, जूम, अपर्चर, टेली का अजीबोगरीब मिश्रण वाकई कमाल का दिखा।
पहली बार निर्देशन में हाथ आजमाने आये कविलास ने कैमरे के आगे अभिनय में जहां और अधिक परिपक्वता दिखाते हुए दो तीन कमाल के शॉट्स दे मन मोहने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी वहीं कैमरे के पीछे निर्देशन में गोबिंद नेगी के साथ बेजोड़ तारमतम्य निभाया और हर शॉट्स हर बोल पर अच्छा टेबल वर्क किया जिसने गीत को बेहतरीन विजुअलाइजेशन देने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी इस गीत के विजुअल फिल्मांकन से स्वयं भी बेहद संतुष्ट नजर आए। उन्होंने मंच से इस टीम की पीठ भी थपथपाई। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के साथ जुगलबंदी करते संजय नौडियाल भी पहली बार अभिनय करते दिखे।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी इस गीत के विजुअल फिल्मांकन से स्वयं भी बेहद संतुष्ट नजर आए। उन्होंने मंच से इस टीम की पीठ भी थपथपाई। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के साथ जुगलबंदी करते संजय नौडियाल भी पहली बार अभिनय करते दिखे।



बहरहाल मजे की बात यह रही कि एक ही घर के दो विधाओं में मंझे कलाकार आखिर गीत की सुखद परिणति देने में सफल हुए। बिशेषकर कविलास ने पर्दे के पीछे निर्देशन पक्ष को उतनी ही बखूबी निभाया है जितना लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इस गीत को सुर से सजाया है।
गीत को सुनने के लिए यह वीडियो देखें ……