- उत्तराखंड : छह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
- एक सप्ताह में हट पायेगा सड़कों में जमा मलबा
- पिथौरागढ़ में ही रुके हैं तीन दिन दिन से कैलास-मानसरोवर यात्री
देहरादून : उत्तराखंड में मौसम का मिजाज़ कुछ ज्यादा ही भयानक नज़र आ रहा है । सूबे के पर्वतीय इलाकों में सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुख्य मार्गों पर चल रहे आल वेदर रोड के निर्माण के साथ ही राज्य की अन्य सड़कों पर भी मलबा आने से यात्रियों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। भारी वर्षा से बीते एक सप्ताह से उत्तराखंड में 71 सड़कें भूस्खलन के कारण बंद हो चुकी हैं। वर्षा से इस बीच कुमाऊं के बागेश्वर में बारिश से खासा नुकसान हुआ है। जिले में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए और हालात को देखते हुए 10 परिवारों ने सुरक्षित स्थान पर शरण ली हुई है। जिले के कपकोट-कर्मी मार्ग पर चार वाहन मलबे में दब गए है , जबकि पिथौरागढ़ जिले में थल-मुनस्यारी मार्ग बीते दिन दस घंटे से बंद है। तल्ला जोहार क्षेत्र में दर्जनों वाहन सड़कों पर फंसे हैं और एक पैदल पुल बह गया। लगातार बारिश से अलकनंदा, मंदाकिनी, नंदाकिनी, सरयू, गोरी और काली नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
इस वर्षा काल में मौसम की सर्वाधिक मार सड़कों पर पड़ रही है। पिथौरागढ़ जिले में दो दर्जन मोटर मार्गों पर मलबा आया हुआ है और छह पुल बह चुके हैं। वहीं पौड़ी जिले में भी यह संख्या 29 है। अन्य जिलों में भी कई मार्गों पर आवागमन बाधित है। प्रशासन के अनुसार इन मार्गों से मलबा हटाने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त लग सकता है। इसके अलावा देहरादून जिले के जौनसार क्षेत्र की स्थिति भी अलग नहीं है। मंगलवार को चकराता हाईवे पर मलबा आने से चार स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। इसके अलावा टिहरी में गंगोत्री हाईवे पर भी मलबा आने से यातायात बाधित रहा। हालांकि बदरीनाथ और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही सुचारु है।
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम में परिवर्तन के आसार नहीं हैं। आने वाले चौबीस घंटे के दौरान देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी के साथ ही कुमाऊं में सतर्क रहने की जरूरत बतायी गयी है।
वहीँ पर्यटक स्थल केम्पटी फाल में मंगलवार तड़के से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से उफान आ गया। पानी के साथ बोल्डर (विशाल पत्थर) आने से आसपास के दुकानदार सहम गए। हालांकि बारिश थमने पर स्थिति सामान्य हो गई। दूसरी ओर मसूरी के समीप क्यारकुली गांव में सड़क का पुस्ता मकान के ऊपर गिरने से मकान क्षतिग्रस्त हो गया। इससे एक महिला को हल्की चोट आई है।
वहीँ उच्च हिमालय में खराब मौसम के चलते कैलास-मानसरोवर यात्रा के सातवें दल के 57 सदस्य तीसरे दिन भी गुंजी तक भी नहीं जा पाए हैं । इन यात्रियों को हेलीकॉप्टर से भेजा जाना है, लेकिन मौसम के कारण उड़ान संभव नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर कैलास-मानसरोवर से लौटे तीसरा दल भी गुंजी से पिथौरागढ़ जाने का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा चौथा दल भी कैलास-मानसरोवर की परिक्रमा पूरी कर गुंजी लौट आया है।