RUDRAPRAYAG
भारी बरसात से आवासीय भवनों में पड़ी मोटी-मोटी दरारें
- भैंसारी के कई परिवारों पर मंडरा का मौत का साया
- गांव के बगल से बह रहा गदेरा खतरे को दे रहा न्यौता
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुद्रप्रयाग । बस एक भूकम्प का मामूली झटका और भवन नेस्तनाबूद। ग्राम पंचायत भैंसारी में लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण कई परिवारों के सिर पर मौत का साया मंडरा रहा है। आवासीय भवनों पर मोटी-मोटी दरारें पड़ गयी हैं। इसी वेदना को झेल रहा कमला देवी का छोटा परिवार भी सरकार से मुआवजे के साथ-साथ सुरक्षित एक कमरे की मांग कर रहा है। कमला देवी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि इन इन तीन वर्षों में उसका सब कुछ तबाह हो जायेगा। पति ने भी छोटी सी उम्र में ही एक दुर्घटना में उनके पति ने साथ छोड़ दिया, जबकि लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण उसका आवासीय भवन भी खतरे की जद में आ गया है। बेराजगार पति जीवित रहता तो रोजी-रोटी जुटाने की तकलीफ तो नहीं होती, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। खंडहर हो चुके भवन के साथ दो वक्त की रोटी जुटाने की चिंता भी अब कमला देवी को सता रही है।
भैंसारी गांव का मंगल सिंह अपने पीछे तीन बच्चे और एक बूढ़ी मां को छोड़ गया। दो बेटियां हैं, जिनका शिक्षा का खर्चा उपहार समिति कर रही है। वहीं एक छोटा बेटा है। कमला बताती है कि बरसात के दिनों में ज्यों ही छत टपकने लगती है तो वह कम्बल और रजाई को बच्चों के ऊपर ओढ़ लेती हैं और खुद टपकती छत के नीचे आ जाती हैं। वर्ष 2013-14 में इस गरीब परिवार को इंदिरा आवास के तहत एक कमरा निर्मित तो किया गया, लेकिन ना ही इस कमरे में दरवाजे, खिड़की हैं और ना ही अभी तक लग पायी है। इसके अलावा पलस्तर भी नहीं हुआ है। भवन भी अनियोजित होने के कारण जगह-जगह से टपक रहा है।
दोनों कमरों की चारों दीवारें टपक रही हैं और भूस्खलन के कारण जमीन भी उबड़ खाबड़ हो चुकी है। कमरों की दीवारों पर मोटी-मोेटी दरारें आ गयी हैं। दरारें इतनी मोटी हो चुकी हैं कि इनसे आर-पार साफ देखा जा सकता है। कमला देवी कहती है कि रात भर वे अपने बच्चों के साथ सो नहीं पाती है। बच्चों को सुलाकर वह बरसात रूकने का इंतजार करती हैं। यदि बरसात रूक जाती है तोे कुछ पल वो भी आंखें बंद कर लेती हैं। भवन के बगल से ही छोटा सा गदेरा भी बह रहा है उससे भी मकान को खतरा उत्पन्न हो रहा है।
वहीं क्षेत्र की सामाजिक संस्था उपहार समिति के सचिव दिनेश उनियाल, सदस्य प्रदीप राणा, डीएस नेगी ने कहा कि समिति के सदस्यों ने क्षतिग्रस्त भवन की स्थिति का जायजा लिया है। गरीब परिवार की हरसंभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी इस तरह के सामाजिक कार्यो में संस्था ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया है। इधर, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जीएस चौहान ने कहा कि परिवार की दयनीय स्थिति का पता चला है। शीघ्र ही सुरक्षा और भवन निर्माण के लिये पहल की जायेगी। लेकिन कब इसका जवाब किसी के पास नहीं है।