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राष्ट्रीय अध्यक्ष के रोड शो में टीएमसी का उपद्रव घृणित कृत्य : त्रिवेन्द्र

  • ममता जी को लोकतंत्र में नहीं विश्वास : त्रिवेन्द्र रावत
  • पश्चिम बंगाल में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का घोंटा जा रहा है गला 
  • ममता हताश निराश होने के कारण निम्न स्तरीय कृत्य पर उतरीं 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि कल पश्चिम बंगाल में जो भी हुआ, वह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता है। किसी भी पार्टी के मुखिया के साथ इस प्रकार का व्यवहार दुर्भाग्य पूर्ण है। लगता है ममता जी को लोकतंत्र में विश्वास नहीं रह गया है। यही व्यवहार उनका पूर्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi) के साथ भी रहा था। तृणमूल कांग्रेस (TMC)हताश व निराश होने के कारण इस प्रकार के कृत्य पर उतर आयी है। टी.एम.सी के इस प्रकार के अलोकतांत्रिक व्यवहार की उन्होंने भत्र्सना की।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हो रहा है, वह लोकतांत्रिक मर्यादाओं का गला घोंटने जैसा है। आए दिन तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banarjee) जी के इशारे पर हिंसा फैला रहे हैं। पहले ममता जी के इशारे पर राज्य प्रशासन द्वारा योगी आदित्यनाथ जी को प्रचार की अनुमति नहीं दी। और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी (Amit Shah) के रोड शो में टीएमसी के लोगों ने उपद्रव फैलाने का घृणित कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चुनाव का आखिरी चरण है जिसमें पश्चिम बंगाल की 9 सीटों में चुनाव होने हैं जिसमें भाजपा को बड़ी बढ़त मिल रही है इसी कारण ममता दीदी इतना घबराई हुई हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाधवपुर में रैली करने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि ममता जी को पता है कि रैली हुई तो भतीजा अभिषेक हार जायेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी जाती है। हमारे प्रत्याशियों के काफिले पर हमला होता है, उनके पोस्टर फाड़े जाते हैं, वाहन तोड़े जाते हैं।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह सब ममता दीदी के इशारों पर हो रहा है। ममता जी सत्ता के अहंकार में चूर हो गई हैं। इस लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election)में ममता जी की सियासी जमीन खिसक रही है। ममता जी को अहसास हो गया है कि वे बुरी तरह हारेंगी, इसलिए टी.एम.सी के लोग हिंसा पर उतारू हो गए हैं। लेकिन 23 मई के दिन हिंसा की इस राजनीति को करारा जवाब मिलेगा। बंगाल की जनता ने ठान लिया है कि ममता के कुशासन और हिटलरशाही का अंत करना है।

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