POLITICS

वन मंत्री को आया गुस्सा,अधिकारियों के सर फोड़ा लैटर बम

  • प्रमुख सचिव कार्मिक को भेजा लैटर बम 
  • लैटर बम से सचिवालय के अधिकारी हलकान 

राजेन्द्र जोशी 

देहरादून : उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत उत्तराखंड के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर गुस्से में है। इस बार वजह उनकी नाराज़गी की वजह प्रमुख वन संरक्षक सहित कुछ और वन विभाग के अधिकारियों का उनसे इज़ाज़त लिए बिना विदेश यात्रा पर जाने को लेकर है। उनकी नाराजगी बेवजह भी नहीं कही जा सकती क्योंकि उत्तराखंड के अधिकाँश वन आजकल आग की चपेट में हैं, जब वन विभाग का मातहत अधिकारी ही ऐसे समय पर अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते हुए लन्दन और पोलैंड की यात्रा पर वह भी जू की जानकारी लेने जायेगा तो मंत्री को गुस्सा तो जरुर आएगा।

”हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो कत्ल भी करते हैं चर्चा नहीं होती” डॉ. हरक सिंह रावत ने इस शेर के साथ कहा कि इस तरह की परम्परा लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा उत्तराखंड का दुर्भाग्य है यहां तैनात अधिकारी काम करने के बजाय मौज मस्ती करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा ऐसे समय पर वन विभाग के विदेश यात्रा पर जाने वाले अधिकारियों को चाहिए था वे इस समय जंगलों में लगी आग पर अपना ध्यान केन्द्रित कर उसको कैसे बुझाया जाय इसपर मंथन करते, विदेश जाने के लिए कौन मना कर रहा है जब जंगलों की आग बुझ जाती तो चले जाते विदेश यात्रा लेकिन यहां कुछ ऐसे अधिकारी हैं जो इस राज्य का विकास नहीं चाहते जो राज्य के लिए दुर्भाग्य पूर्ण है।

गुस्से की एक और वजह यह भी है कि वन मंत्री को अपने ही विभाग के आला अधिकारी के विदेश यात्रा पर जाने की जानकारी न्यूज़ पोर्टल और समाचार पत्रों से मिलती है जबकि मंत्री को विभागीय स्तर पर जानकारी उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी जो नहीं कराई गयी। मामले के संज्ञान में आते ही बुधवार को वन मंत्री ने अपने गुस्से का इजहार प्रमुख सचिव कार्मिक को लिखे अपने पत्र में किया है। उन्होंने वन विभाग के अफसरों के बिना इजाजत लिये और विभागीय मंत्री को बाय -पास कर सीधे मुख्यमंत्री को फाइल भेजे जाने पर भी आपत्ति जताई है। उन्हें इसे जहां सुशासन के लिए ठीक नहीं बताया है कहा कि यह स्वस्थ परंपरा भी नहीं है।

प्रमुख सचिव कार्मिक आनंद वर्धन को भेजे पत्र में डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा है कि इस तरह से बगैर उनकी अनुमति के किसी भी अधिकारी का विदेश जाना पूरी तरह गलत है। पत्र वन मंत्री ने साफ तौर पर लिखा है कि इससे अनुशासनहीनता हो रही है। उनसे किसी फाइल का अनुमोदन लेने के बजाय सीधे मुख्यमंत्री से अनुमोदन लिया जा रहा है, जो गलत है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिहं रावत ने प्रमुख सचिव कार्मिक को लिखा है कि उनके अधीनस्थ विभागों के विभागाध्यक्षों की विदेश यात्रा की अनुमति सबंधी पत्रालियां कार्मिक विभाग के माध्यम से सीधे मुख्यमंत्री को भेजी जा रही है। जिसमें मुख्यमंत्री के अनुमोदन के उपरांत आदेश आदेश निर्गत कर दिये जाते हैं। डॉ. हरक सिहं रावत ने कहा है कि इसे कतई भी स्वस्थ परंपरा नहीं कहा जा सकता है।

प्रमुख सचिव कार्मिक को लिखे पत्र में डॉ. हरक सिंह रावत ने लिखा है कि पिछले साल भी अधिकारियों द्वारा इसी तरह का कृत्य किया गया था उस दौरान भी वन विभाग के विभागाध्यक्ष जयराज और श्रम आयुक्त आनंद श्रीवास्तव की विदेश यात्रा संबधी पत्रावली भी विदेश यात्रा की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से प्राप्त हुए।

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने चिंता जताते हुए कहा कि एक तरफ तो उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है ऐसी स्थिति में विभागाध्यक्ष की विदेश यात्रा की पत्रावली उनके विचारार्थ प्रस्तुत नहीं किया जाना रूल ऑफ़ बिज़नेस के अंतर्गत नहीं आता है। उन्होने प्रमुख सचिव कार्मिक को लिखा है कि अब भविष्य में बिना विभागीय मंत्री की अनुमति के विभाग के विभागाध्यक्ष की विदेश यात्रा की अनुमति किसी भी तरह से निर्गत नहीं की जानी चाहिए।

Related Articles

Back to top button
Translate »