हरिद्वार की नाबालिग मासूम के साथ रेप के बाद निर्मम हत्या पर सरकार हुई सख्त
भगौड़े आरोपित को पकड़ने के लिए ईनाम 20 हजार से बढ़ाकर किया एक लाख
विधानसभा अध्यक्ष ने इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश सरकार को दिए
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : हरिद्वार में मासूम के साथ रैप के बाद हत्या के मामले में सरकार सख्त नज़र आ रही है। संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सत्र समाप्ति के तत्काल बाद सचिव गृह और डीजीपी को बुलाकर इस मामले में तेज़ी से एक्शन लेने को कहा साथ ही उन्होंने गृह सचिव को मामले को फास्टट्रैक कोर्ट में लाने के आदेश जारी करने को कहा। उन्होंने उत्तराखंड के डीजीपी को इस मामले में ईनाम की राशि बढ़ाने और डीआईजी गढ़वाल को जांच के साथ ही अभियान की निगरानी के निर्देश देने को कहा।
संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा हरिद्वार में मासूम के साथ रेप और फिर हत्या का मामला फास्टट्रैक कोर्ट में चलेगा। सरकार दोषियों को फांसी की सजा की पैरवी करेगी। मामले में जांच से लेकर अभियोजन तक की निगरानी डीआईजी गढ़वाल रेंज करेंगी। साथ भगौड़े पर भी जुर्माना बीस हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया है। गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने हरिद्वार में मासूम के साथ रेप और हत्या के मामले को सदन में उठाते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोला।
नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश के नेतृत्व में प्रीतम सिंह, ममता राकेश, हाजी फुरकान, मनोज रावत, आदेश चौहान ने इस पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 58 में सुनने की अनुमति दी। विपक्ष के नेताओं ने आरोप लगाया कि इस घटना के आरोपित प्रभावशाली लोग। शहर के बीचों बीच दिन दहाड़े हुए इस घटना से प्रदेश में कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि इस जघन्य घटना में शामिल एक आरोपित पकड़ा जा चुका है, दूसरे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें रवाना हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इस अपराध में शामिल दोषियों को फांसी की सजा की पैरवी करेगी। मुकदमा जल्द अंजाम तक पहुंचे, इसके लिए मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में कराई जाएगी।
डीआईजी गढ़वाल को मामले की जांच के साथ ही, अभियोजन की भी निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही भगौड़े आरोपित को पकड़ने के लिए ईनाम भी 20 हजार से बढ़ाकर एक लाख किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी इस घटना की जांच कराने और इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न होने देने के लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश सरकार को दिए।