मूल्य सूचकांक दरें लागू होने के बाद सरकारी भवनों का निर्माण हुआ महंगा

देहरादून : सरकारी भवनों के निर्माण के लिए सीपीडब्ल्यूडी की ओर से जारी मूल्य सूचकांक दरें लागू होने के बाद प्रदेश में सरकारी निर्माण कार्यों की लागत में भारी वृद्धि हो गई है। सरकार ने उत्तरी अंचल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की ओर से जारी मूल्य सूचकांक की नई दरें राज्य में भी लागू कर दी हैं। इससे दोनों मंडलों गढ़वाल व कुमाऊं में सरकारी भवनों के निर्माण लागत में नौ प्रतिशत से 23 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी है। यानि अब सूबे में इन दरों के लागू हो जाने के बाद सरकारी भवनों का निर्माण महंगा हो गया है।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में वर्तमान में सड़कों और भवनों के निर्माणकार्यों को लेकर अलग-अलग शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) लागू हैं। सड़कों के लिए राज्य लोक निर्माण विभाग की ओर से एसओआर तय किए गए हैं। वहीं सरकारी भवनों के निर्माण के लिए सीपीडब्ल्यूडी की ओर से जारी मूल्य सूचकांक दरें लागू की गई हैं। सीपीडब्ल्यूडी की ओर से एक अप्रैल, 2017 से इन दरों में संशोधन किया जा चुका है। राज्य सरकार ने भी इन संशोधित दरों को ही लागू करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों व सचिवों को आदेश जारी किए हैं। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में जारी निर्माण कार्य सामग्री की लागत दरों में अलग से जीएसटी की राशि नहीं जोड़ी जाएगी।
जारी मूल्य सूचकांक दरें लागू होने के बाद प्रदेश में और सीपीडब्ल्यूडी की नई दरें लागू होने से देहरादून में निर्माण कार्यों की मौजूदा लागत में 22.22 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। वहीं मसूरी में 17.07 प्रतिशत, चकराता में 19.68 प्रतिशत, पौड़ी गढ़वाल में 15.67 प्रतिशत, नई टिहरी में 9.48 प्रतिशत और हल्द्वानी, हल्दूचौड व काठगोदाम में 12 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है। प्रदेश में लगभग सभी स्थानों में होने वाले निर्माण कार्यों की लागत में बड़ी वृद्धि हुई है।