SPIRITUALITY

सत्संग हमें सत्य और असत्य  का भेद बताता है : माता श्री मंगलाजी

  • जो सत्य है उसे जानो फिर उसे मानो : माता श्री मंगलाजी  
  • हम सबको विश्व में सुख शांति की स्थापना के लिए इसको आगे बढाना है
देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
मुरैना (मध्यप्रदेश) :  सत्संग में जरुर आना चाहिए और सत्संग का लाभ जरूर लेना चाहिए। क्योंकि एक सत्संग ही है जो हमें सत्य और असत्य का भेद बताता है।सत्संग हमें अच्छी राह दिखाता है। हमारे लिए क्या अच्छा है और क्या अच्छा नहीं है। इस का ज्ञान सत्संग के माध्यम से ही होता है। उक्त विचार समाजसेवी माताश्री मंगलाजी ने मध्यप्रदेश के मुरैना के श्रीराम पैलेस में  आयोजित विशाल सत्संग समारोह में व्यक्त किए।
समारोह में उपस्थित भक्तों का आभार प्रकट करते हुए, माताश्री मंगलाजी ने कहा कि यह विश्व में सर्वविदित है कि जिसको भी प्रभु के प्रति प्रेम हुआ है, जिसको भी आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई है, वह सिर्फ और सिर्फ सत्संग के माध्यम से हुई है। इसलिए कहा गया है कि ”तात स्वर्ग अपवर्ग सुख, धरिज तुला एक अंग। तूल न ताहि सकल मिली, जो सुख लव सत्संग”।अर्थात स्वर्ग तथा मोक्ष के सारे सुखों को एक पलड़े में रख दिया जाए तो भी क्षण मात्र के लिए सत्संग के बराबर नहीं हो सकते, इसलिए सत्संग की महीमा अनंत है और सत्संग के अनंत फायदे भी हैं। जो नि:शुल्क हैं। 
माता मंगला जी कहा कि सत्संग से  हम जो ज्ञान अर्जित करते है। उसके माध्यम से हम असंख्य लोगों को नयी विचारधारा से जोड़कर शांति सद्भावना के मार्ग पर लेकर जा सकते हैं, और यह ऐसा मार्ग है जिस पर  चलते हुए मनुष्य जीवन के उस सच से रूबरू होता है। जहां जीवन की वास्तविकता का मूल प्रारूप मौजूद है। जहां मनुष्य सत्य के मार्ग को समझता ही नहीं अपितु उसके मूलमंत्र को खुद में समाहित कर ज्ञान को अर्जित भी करता है। 
मुरैना के श्रीराम पैलेस में उपस्थित हजारों भक्तजनों को आशीर्वाद देते हुए माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी ने कहा कि हमें खुशी है कि हम सेवा के मार्ग पर चलते हुए अपनी सेवाएं उन लोगों तक पहुंचा रहे हैं। जिन्हें सही अर्थों में सेवाओं की आवश्यकता है और इसमें आप सब हमारे साथ खड़े है। यह हमारी सेवाओं का सही मायने में मूल्यांकन हैं। इस लिए हम अक्सर कहते हैं कि जो सत्य है उसे जानो फिर उसे मानो। जब तक आप अपने हृदय में उस ज्ञान का अनुभव नहीं करेंगे तब तक आप किसी भी कीमत पर उसे मानेगे नहीं, इसलिए हम कहते हैं कि पहले जानो फिर मानो और आज आप इतनी बड़ी संख्या में हमारे साथ है तो यह सब तभी है जब आपने ज्ञान को जाना है और माना है। अब हम सब को विश्व में सुख शांति की स्थापना के लिए इसको आगे बढाना है और विश्व में भारत के नवनिर्माण के लिए सब को मिलकर चलना है।
इस मौके पर श्री भोलेजी महाराज जी ने मानुष जन्म अनमोल रे, भजन प्रस्तुत किया। इस मौके पर श्रीराम पैलेस मुरैना के प्रबंधकों ने माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी का स्वागत कर माताजी-महाराज जी के मुरैना आने के आभार व्यक्त किया।  इस समारोह में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तों का सैलाब उमड़ा। 

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