SPIRITUALITY
सत्संग हमें सत्य और असत्य का भेद बताता है : माता श्री मंगलाजी

- जो सत्य है उसे जानो फिर उसे मानो : माता श्री मंगलाजी
- हम सबको विश्व में सुख शांति की स्थापना के लिए इसको आगे बढाना है
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

समारोह में उपस्थित भक्तों का आभार प्रकट करते हुए, माताश्री मंगलाजी ने कहा कि यह विश्व में सर्वविदित है कि जिसको भी प्रभु के प्रति प्रेम हुआ है, जिसको भी आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई है, वह सिर्फ और सिर्फ सत्संग के माध्यम से हुई है। इसलिए कहा गया है कि ”तात स्वर्ग अपवर्ग सुख, धरिज तुला एक अंग। तूल न ताहि सकल मिली, जो सुख लव सत्संग”।अर्थात स्वर्ग तथा मोक्ष के सारे सुखों को एक पलड़े में रख दिया जाए तो भी क्षण मात्र के लिए सत्संग के बराबर नहीं हो सकते, इसलिए सत्संग की महीमा अनंत है और सत्संग के अनंत फायदे भी हैं। जो नि:शुल्क हैं।
माता मंगला जी कहा कि सत्संग से हम जो ज्ञान अर्जित करते है। उसके माध्यम से हम असंख्य लोगों को नयी विचारधारा से जोड़कर शांति सद्भावना के मार्ग पर लेकर जा सकते हैं, और यह ऐसा मार्ग है जिस पर चलते हुए मनुष्य जीवन के उस सच से रूबरू होता है। जहां जीवन की वास्तविकता का मूल प्रारूप मौजूद है। जहां मनुष्य सत्य के मार्ग को समझता ही नहीं अपितु उसके मूलमंत्र को खुद में समाहित कर ज्ञान को अर्जित भी करता है।

इस मौके पर श्री भोलेजी महाराज जी ने मानुष जन्म अनमोल रे, भजन प्रस्तुत किया। इस मौके पर श्रीराम पैलेस मुरैना के प्रबंधकों ने माताश्री मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जी का स्वागत कर माताजी-महाराज जी के मुरैना आने के आभार व्यक्त किया। इस समारोह में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तों का सैलाब उमड़ा।