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दो बोतल शराब मिलने पर आबकारी टीम ने व्यापारी से की बर्बरता

  • आबकारी टीम ने की व्यापारी की जमकर धुनाई

  • दो बोतल चंडीगढ़ ब्रांड मिलने पर खेला हैवानियत का खेल 

  • व्यापारी के पुष्ट भाग में मार-मारकर किया लाल 

  • व्यापारी ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से की शिकायत                             

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

रुद्र्प्रयाग। आज तक पुलिस प्रशासन की बर्बरता के किस्से जरूर सुनाई और दिखाई भी दिये होंगे, मगर अब आबकारी विभाग की हैवानियत भी सबके सामने आ रही है। गलती न होने पर किसी निर्दोश को सजा देना, विभाग का कानून बन गया है। छापेमारी अभियान चलाकर बेकसूर लोगों को निशाना बनाकर उन्हें मारा-पीटा जा रहा है, जिससे जनता में विभाग के खिलाफ आक्रोश बना है। 

दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आबकारी विभाग की ओर से छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत विभाग की टीम ने सौंराखाल भरदार में व्यापारी राकेश सिंह की दुकान में छापेमारी की, लेकिन उन्हें दुकान में कुछ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने व्यापारी के घर में तलाशी की, जहां उन्हें दो बोतल चंडीगढ़ शराब की बरामद हुई। शराब बरामद होने के बाद आबकारी अधिकारियों ने व्यापारी की जमकर पिटाई की। यहां तक कि उसके साथ गाली-गलौच करने लगे और उसके पुष्ट भाग में बांस के डंडे से जोर-जोर से मारे। आस-पास के ग्रामीण डर के कारण बचाव नहीं कर पाए और आबकारी विभाग के अधिकारी बेखौफ होकर व्यापारी को मारते रहे।

हैवानियत का ऐसा घिनौना खेल क्यों खेला गया, किसी के समझ में नहीं आया। आबकारी विभाग के अधिकारियों को काननू अपने हाथ में लेने के लिए किसने इजाजत दी, यह भी कोई समझ नहीं पाया। बस आबकारी टीम व्यापारी की जमकर पिटाई करती रही। उसके शरीर के पिछले भाग में मार-मारकर लाल कर दिया और जब तक व्यापारी बेहोश नहीं हो गया, मारते रहे। आबकारी टीम की ओर से व्यापारी को इतना मारा गया है कि वह सही तरीके से बैठ भी नहीं पा रहा है।

शुक्रवार को किसी तरह व्यापारी राकेश सिंह जिला मुख्यालय पहुंचा और मुख्यमंत्री के साथ जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजा, जिसमें उन्होंने अपनी पूरी घटना बताई। उन्होंने बताया कि छापेमारी अभियान में उनके घर से दो बोतल बरामद हुई, जबकि कफना भरदार के एक घर में नौ बोतल बरामद हुई। सभी बोतलों को उनके नाम जोड़कर रिपोर्ट बनाई गई। उन्हें फंसाया जा रहा है।

चर्चा है कि आबकारी टीम की ओर से उनसे बीस हजार की डिमांड भी की गई, जिसे वे पूरा नहीं कर पाये और उन्हें जानवरों की तरह पीटा गया। व्यापारी राकेश सिंह पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी गये, जहां उन्होंने अपने मेडिकल को लेकर एसपी को ज्ञापन दिया। इसके बाद व्यापारी का मेडिकल करवाया गया, जिसमें साफ लिखा है कि व्यापारी के पिछले भाग में काफी चोटे आई हैं। पुष्ट भाग में मारने से लाल हो गया है और नीले निशान दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि भाजपा सरकार में अधिकारी बेलगाम हो गये हैं। जनता को इंसान न समझते हुए जानवर जैसा व्यवहार अपनाया जा रहा है। कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अधिकारी अपनी मनमर्जी में उतर आये हैं। पैंसा कमाने का धंधा बनाया जा रहा है। बेकसूर लोगों को निशाना बनाकर गुहनगार की मदद की जा रही है।

वहीं आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। पूरी जानकारी लेने के बाद वे कार्यवाही करेंगे। युवक के साथ मारपीट करने वाले आबकारी इंस्पेक्टर एनएस मर्तोलिया का कहना है कि व्यापारी के घर से चंडीगढ़ ब्रांड की शराब मिली है। मुखबिर की सूचना पर व्यापारी के घर से दो बोतल एवं नौ बोतलें कफना गांव में एक घर से बरामद हुई हैं। ये सभी बोतलें व्यापारी की थी। उन्होंने कहा कि व्यापारी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है।

इधर, पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि व्यापारी मेडिकल को लेकर पत्र लेकर आया था। उसकी शिकायत के आधार पर मेडिकल करवा लिया गया है। मामले में आबकारी अधिकारी को अवगत कराया गया है और जवाब मांगा गया है। 

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