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प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से 52 लोगों की मृत्यु ,7 लोग घायल एवं 6 लोग लापता
- मुख्यमंत्री में की आपदा से हुए नुकसान एवं राहत कार्यों समीक्षा
- प्रदेशभर में हुई 119 बड़े पशु एवं 388 छोटे पशुओं की हानि
- आपातकालीन केंद्रों को 24 घंटे क्रियाशील रखे जाने के दिए निर्देश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को त्वरित गति से संपन्न कराया जाए। इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। त्वरित राहत हेतु सभी जिलाधिकारियों को अब तक कुल 77 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। सड़कों के त्वरित मरम्मत के लिए 16 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में सतर्कता बरतने और आपदा प्रंबधन तंत्र को प्रभावी बनाए रखने के साथ ही आपदा आपातकालीन केंद्रों को 24 घंटे क्रियाशील रखे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य आपातकालीन केंद्र से सभी जिले निरन्तर सम्पर्क में रहें। किसी भी आपातकालीन घटना की सूचना अविलम्ब शासन को भेजी जाए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपस में समन्वय बना कर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने वर्षा के दौरान संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की सम्भावना का आंकलन कर इससे बचने के लिए आवश्यक तैयारियों पूरा करने के साथ ही पशुओं में होने वाले रोगों की सम्भावना और इससे बचने के उपायों एवं आवश्यक तैयारियों को पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि राज्य में मानसून अवधि में घटित प्राकृतिक आपदाओं के कारण 52 लोगों की मृत्यु , 07 लोग घायल एवं 06 लोग लापता हैं। आपदा से प्रदेशभर में 119 बड़े पशु एवं 388 छोटे पशुओं की हानि हुयी है।