Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश में एक योगी मुख्यमंत्री के चार साल
योगी ने बीते चार वर्षों में सत्ता का कोई भी दाग अपने ऊपर नहीं लगने दिया
योगी की सरकार ने जो भी फैसले लिए सब उत्तरप्रदेश के सभी धर्म, जाति और क्षेत्र के लोंगो के लिए मान्य
निशीथ जोशी
राजा जनक के बारे में पढ़ा है। न्याय प्रिय, उत्तम वीर शासक भी थे। साथ ही तपस्वी। सनातन धर्म और संस्कृति में उल्लेखित उस जैसा कोई व्यक्तित्व इस काल खंड में दिखाई देने लगे तो भारत और इसके वासियों के लिए भविष्य की सुनहरी झलक मिलने लगती है। वर्तमान काल के उत्तर प्रदेश की जिस अयोध्या की भूमि पर राम, मथुरा वृंदावन में कृष्ण ने लीला रची थी। उसी उत्तर प्रदेश में नाथ संप्रदाय का एक योगी अलख जगाने में जुटा है। उसने उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री के पद को सुशोभित करते हुए चार वर्षो के शासन काल में जो कुछ किया है उसने बहुत सी सपनों को यथार्थ में बदलने की संभावनाओं को जन्म दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी जब पहली मुलाकात सांसद बने थे , तब से हम लगातार उनको फॉलो कर रहे हैं। कारण गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर आस्था का केंद्र रहा है। वहां धर्म, जाति, अमीर गरीब के भेदभाव को कभी नहीं पाया। दशक 1980 से लेकर 2011 के बीच हमने जब भी गोरखपुर गए गोरखनाथ मंदिर की यात्रा की जरुर की है। महंत श्री अवैद्य नाथ जी का भी आशीर्वाद प्राप्त किया है।
इसी गोरखपीठ से जनसेवा के लिए राजनीति में आए यूपी के सीएम आदित्य नाथ योगी ने बीते चार वर्षों में उन्होंने सत्ता का कोई भी दाग अपने ऊपर नहीं लगने दिया है। आज भी अति व्यस्त में वे एक योगी और सन्यासी के असली कर्म गुरु द्वारा प्रदत्त साधना को पूर्ण करते हैं। एक योगी की भांति जीवन को जीते हैं। साथ ही बिना किसी लाग लपेट के स्पष्टवादिता के साथ अपना काम करते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि चार साल में आदित्य नाथ योगी की सरकार ने जो भी फैसले लिए सब उत्तरप्रदेश के सभी धर्म, जाति और क्षेत्र के लोंगो के लिए मान्य हैं।
सरकार के आंकड़ों और दावों के अनुसार जो राज्य बीमारू था। इज ऑफ डूइंग बिजनस में 12 पायदान पर था आज देश में दूसरे नंबर पर आ खड़ा हुआ है। प्रति व्यक्ति आय 47, 116 रुपए से बढ़ कर 94,495 प्रति व्यक्ति पहुंच गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में टेस्टिंग, ट्रेसिंग और प्रबंधन की मिसाल दुनिया के सामने कायम कर दी है। किसान, महिला, गरीब, युवाओं और निवेशकों को केंद्रित कर जो योजनाएं लागू की गई हैं उनका असर नज़र आने लगा है।
आदित्य नाथ योगी जिस तरह से अति सादा, संयमित जीवन जीते हैं। दृढ़ संकल्प शक्ति से फैसले लेते हैं। नीतियों को धर्म और जाति , अपने और पराए के भाव से उठ कर बना रहे हैं । वह आने वाले भारत के प्रकाशरत राष्ट्र के वैभव का आभास सा दे जाते हैं। हमारी जानकारी के अनुसार वे सर्दी गर्मी बरसात याने साल के 365 दिन अपनी दिनचर्या प्रात:काल 3.30 बजे उठकर नित्य कर्म और साधना करते हैं। नाश्ते में नमकीन दलिया, या चने और फल ग्रहण करते हैं। सादी रोटी बिना घी के, लौकी या तरोई की सब्जी और थोड़ा सा भात दाल सब कुछ सादा उनका भोजन है।
इस योगी ने उत्तर प्रदेश प्रदेश के अपराधियों की नकेल कसने का काम किया है तो सांप्रदायिकता फैलाने वालों पर भी कड़ाई बरती है। इसके अलावा बहुत कुछ है जो समाचारों में चार साल से प्रकाशित होता रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज ( इलाहाबाद) का वासी होते हुए हमने इस राज्य को राजनीतिक दलों और नेतृत्व के कारण अधोपतन में जाते उस समय से देखा है जब से होश संभाला है। पहली बार उत्तर प्रदेश का उत्थान होते देखना सुखद अहसास है। उत्तर प्रदेश की आबादी दुनिया के कई बड़े देशों से अधिक है। समस्याएं भी अनंत हैं , पर उन सब के बीच 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश को विकास की राह पर लाकर पूरे भारत के लिए सुखद अनुभव और आशा और विश्वास के की प्रकाश की एक किरण है। जो दुनिया के लिए एक मिसाल बन सकती है।
(श्री निशीथ जोशी जी देश के कई नामी-गिरामी समाचार पत्रों सहित कई समाचार चैनल्स में संपादक रहे हैं)