मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए
शासन स्तर के महत्वपूर्ण प्रकरणों में गोपनीय की बजाय खुली जांच और एफआईआर की जाएः सीएम
राज्य कर्मचारियों को हर साल दाखिल करना होगा प्राॅपर्टी का ऑनलाइन रिटर्न
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में सतर्कता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सतर्कता अधिष्ठान को ट्रैप एवं अन्वेषण सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत है। ट्रैपिंग सिस्टम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। शासन स्तर से महत्वपूर्ण प्रकरणों में गोपनीय जांच के बजाय खुली जांच एवं एफआईआर की कार्रवाई की जाए।
निदेशक सतर्कता को अभिसूचना संकलन एवं संदिग्ध मामलों के स्वतः संज्ञान लेते हुए आरोपी के आवासों या अन्य स्थानों पर अपर मुख्य सचिव सतर्कता के अनुमोदन के पश्चात रेड करने का अधिकार देने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री ने विभागों द्वारा विभिन्न प्रकरणों में लम्बी अवधि के बाद जांच विजिलेंस को देने पर नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि यदि विभाग को प्रकरण विजिलेंस को ट्रांसफर करना है तो, यह कार्रवाई एक साल के अन्दर पूर्ण कर ली जाए।
प्रत्येक सरकारी विभाग में विजिलेंस नोडल ऑफिसर एक माह के भीतर अपेक्षित सूचना सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक राज्याधीन कार्यरत कर्मचारियों को हर साल प्राॅपर्टी रिटर्न ऑनलाइन दाखिल किया जाना अनिवार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अभिसूचना एवं सुरक्षा विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिसूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए। अभिसूचना तंत्र की मजबूती के लिए थाना स्तर पर निरंतर समन्वय स्थापित किया जाए। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों के लोगों से निरंतर समन्वय स्थापित किया जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं और वहां इन्फ्रास्टक्चर को विकसित किए जाने को प्राथमिकता दी जाए। केन्द्र सरकार की सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना पर फोकस किया जाए।
सोशल मीडिया की माॅनिटरिंग के लिए सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। लाॅ एवं आर्डर की दृष्टि से दुष्प्रचार करने वाले लोगों को चिन्हित किया जाए एवं उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल, सचिव गृह नितेश झा, डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी, डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार, एडीजी सतर्कता वी विनय कुमार, आईजी अमित सिन्हा आदि उपस्थित थे।
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