पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में देहावसान
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से देश में शोक की लहर
सात दिन का राजकीय शोक सरकारी भवनों पर आधा झुका रहेगा तिरंगा
देहरादून : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में सोमवार सायं को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और दिल्ली के सैन्य अस्पताल में भर्ती थे। पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सोमवार को सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दिवंगत सम्मानीय नेता के सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा।
प्रणब मुखर्जी के बेटे ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी ट्वीट करके उनके देहावसान की जानकारी दी। अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘भारी दिल से आपको सूचित कर रहा हूं कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का आर.आर. अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे देश के लोगों की प्रार्थना के बावजूद निधन हो गया है। मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं।’
भारत के प्रथम नागरिक के रूप में, उन्होंने लोगों के साथ जुड़ने और राष्ट्रपति भवन से लोगों की निकटता बढ़ाने के सजग प्रयास किए। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के द्वार जनता के लिए खोल दिए। राष्ट्रपति के लिए 'महामहिम' शब्द का प्रचलन समाप्त करने का उनका निर्णय ऐतिहासिक है।
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 31, 2020
प्रणब मुखर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने गहर दुख जताया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा कि प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा है। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।
वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर यह कहते हुए शोक प्रकट किया कि देश ने एक राजनेता खो दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि का राजनीतिज्ञ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पहले दिन से उन्हें उनका मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
India grieves the passing away of Bharat Ratna Shri Pranab Mukherjee. He has left an indelible mark on the development trajectory of our nation. A scholar par excellence, a towering statesman, he was admired across the political spectrum and by all sections of society. pic.twitter.com/gz6rwQbxi6
— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2020
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी ने भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान सम उत्कृष्टता, एक राजनीतिज्ञ, और समाज के सभी वर्गों द्वारा प्रशंसित था।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उनके निधन अपर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। श्री मुखर्जी के रूप में आज देश ने एक विद्वान राजनेता खो दिया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। राजनीति, वित्त, विधि आदि क्षेत्रों के वे विशेषज्ञ थे। अपने लम्बे सार्वजनिक व राजनीतिक जीवन में उन्होंने गहरी छाप छोड़ी है। वे कुशल प्रशासक और भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे। स्वर्गीय मुखर्जी जी का देवभूमि उत्तराखंड के प्रति गहरा लगाव था। जब वे राष्ट्रपति थे तो उन्होंने उत्तराखण्ड विधानसभा को सम्बोधित किया था।
पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन की खबर से स्तब्ध हूं। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
श्री मुखर्जी के रूप में आज देश ने एक विद्वान राजनेता खो दिया है।
ॐ शांति।।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) August 31, 2020
इससे पहले, प्रणब मुखर्जी का स्वास्थ्य और खराब हो गया था। 84 वर्षीय मुखर्जी को वेंटिलेटर पर रखा गया था और फेफड़े में संक्रमण का इलाज किया जा रहा था। मुखर्जी के निधन की जानकारी उनके बेटे अभिजीती मुखर्जी ने ट्वीट कर दी है।
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