UTTARAKHAND

जेट एयरवेज के कर्मचारी प्रबंधन की कमान संभालने के लिए खुद मैदान में उतरे

  • 44,000 करोड़ रुपये ईएसओपी और 3,000 करोड़ जुटाने का भरोसा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली, प्रेट्र : गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के बेरोजगार कर्मचारियों ने कंपनी की नियंत्रक हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाने का मन बनाया है। कर्मचारियों के एक कंसोर्टियम ने इस वक्त एसबीआइ के नेतृत्व में कंपनी की कमान संभाल रहे बैंक समूह को पत्र लिखकर कहा है कि वह सात हजार करोड़ रुपये (4,000 करोड़ रुपये ईएसओपी और 3,000 करोड़ रुपये बाहरी निवेशकों से) का इंतजाम कर सकता है। ऐसे में उसे जेट एयरवेज की मौजूदा बोली प्रक्रिया में शामिल होने की इजाजत दी जाए।

सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स (एसडब्ल्यूआइपी) और जेट एयरक्राफ्ट मेनटेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) नामक दो संस्थाओं ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) को इस बारे में पत्र लिखा है। दोनों ने कहा है कि अगर कंपनी की कमान उसके कर्मचारियों के हाथ में आ जाती है, तो वे भविष्य में अपनी कमाई और एयरलाइन के सुधरे दिनों की कमाई के बूते उसकी दशा पूरी तरह बदल सकते हैं।

यह पहला मौका है जब प्रबंधन की कमान संभालने के लिए जेट एयरवेज के कर्मचारी इकट्ठा हुए हैं। एक समय देश के विमानन क्षितिज पर राज करने वाली 25 वर्ष पुरानी कंपनी जेट एयरवेज की फिलहाल दशा ऐसी है कि 17 अप्रैल से उसका परिचालन ठप है। एसबीआइ चेयरमैन को सोमवार को लिखे पत्र में दोनों संगठनों ने कहा है कि कर्मचारियों का कंसोर्टियम कंपनी का अधिग्रहण कर 7,000 करोड़ रुपये तक का निवेश ला सकता है और उसे बोलीकर्ता के रूप में मौका दिया जाना चाहिए।

इस 7,000 करोड़ रुपये में पांच वर्षो के लिए इंप्लॉई स्टॉक ओनरशिप ऑप्शन (ईएसओपी) का आंकड़ा ही 4,000 करोड़ रुपये से ऊपर बैठेगा, जबकि कर्मचारियों का कंसोर्टियम बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की स्थिति में है। वर्तमान में एसडब्ल्यूआइपी की सदस्य संख्या लगभग 800, जबकि जेएएमईडब्ल्यूए की सदस्य संख्या लगभग 500 है। गौरतलब है कि जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीद के लिए बोली लगाने की अवधि समाप्त हो चुकी है और 10 मई तक संभावित निवेशकों के नाम पर फैसला कर लिए जाने की उम्मीद है।

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