CHAMOLI

मलारी सीमा पर फरकिया गांव से क्रिकेट खेलकर लौट रहे पांच युवकों की कार दुर्घटना में मौत

क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने फरकिया गांव गई थी टीम

भारत-चीन सीमा पर मलारी हाईवे पर रविवार रात हुआ था हादसा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

जोशीमठ : चमोली जिले के अंतिम कस्बे मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक कार दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार क्रिकेट खेलकर लौट रहे पांच युवकों की मौत हो गई। सुनसान इलाका होने के कारण रविवार रात हुए इस हादसे का सोमवार सुबह पता चला। नदी में उतरने का रास्ता न होने के कारण रेस्क्यू टीम घंटों बाद बमुश्किल रस्सियों के सहारे खाई में उतर पाई। शाम चार बजे तक एक शव निकाला सका था, इसके बाद रेस्क्यू रोक दिया गया। अन्य चार शवों के लिए मंगलवार सुबह रेस्क्यू चलाया जाएगा। कार सवार सभी युवक चमोली जिले के निवासी थे।

प्राप्त जानकारों के अनुसार रविवार को कोसा, मंगलौरी और गंगतौली इलाके के युवाओं की टीम नीति घाटी के फरकिया गांव में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने गई थी। इनमें पांच युवक आल्टो कार से लौट रहे थे। रात के समय उनकी कार मलारी मार्ग पर भैरव मंदिर के पास क्रश बैरियर तोड़ती हुई खाई से लुढ़ककर धौली गंगा के किनारे जा समाई। रात को सुनसान इलाका होने के चलते किसी को किसी को भी घटना का पता नहीं चला। इधर, युवकों के घर वापस न लौटने पर परिजनों ने गांव वालों को साथ लेकर खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इन सभी की उम्र 22 से 35 साल के बीच है।

सोमवार सुबह हाईवे से गुजर रहे वाहन चालकों ने सड़क के किनारे किसी वाहन के खाई में गिरे होने के निशान देखे तो हादसे का पता चला। चूंकि इस इलाके में संचार के साधन नहीं है, इनदिनों यहां सेटेलाइट फोन भी काम नहीं कर रहे हैं। वाहन चालकों ने यहां से जोशीमठ की तरफ जा रहे वाहन चालकों के जरिये पुलिस को सूचना भिजवाई। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, सेना और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन टीम को खाई में उतरने का रास्ता नहीं मिल पाया। दोपहर बाद रस्सियों के सहारे टीम रेस्क्यू के लिए उतरी। ड्रोन की मदद से शव तलाशे गए।

चमोली के पुलिस कप्तान यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि सीमा क्षेत्र में संचार सेवाएं न होने की वजह से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने में दिक्कतें आ रही हैं। तहसीलदार चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि कार में कोषा निवासी वीरेंद्र सिंह, कुषाल सिंह पुत्र बाल सिंह, कुषाल सिंह पुत्र नारायण सिंह, राकेश सिंह और नीति निवासी देवेंद्र सिंह सवार थे। इनमें से अभी केवल राकेश का शव निकाला जा सका है।

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