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नेता प्रतिपक्ष पर की गयी टिप्पणी पर आखिरकार भाजपा अध्यक्ष को मांगनी पड़ी माफ़ी

मुख्यमंत्री ने दिल्ली से ट्वीट कर माफ़ी मांगने के बाद की थी डैमेज कण्ट्रोल करने की कोशिश   

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान से प्रदेशभर में भाजपा की जो छिछलेदारी होनी थी वह तो हो ही गई !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बिगड़े बोल को  उत्तराखंड की राजनीति में घमासान मचने के बाद सूबे की राजनीती गरमा गयी थी।  मामले को ठंडा करने को लेकर जहां बीती देर रात सूबे के मुख्यमंत्री ने अपने ही प्रदेश अध्यक्ष के ब्यान अपर जहां खेद जताया वहीं बयान को खुद के गले पड़ता देख आखिरकार बंशीधर भगत को भी माफ़ी मांगनी पड़ी है। उन्होंने ट्विटर पर अपना बयान वापस लेने की घोषणा की है। हालांकि उनके इस बयान से भाजपा की प्रदेशभर में जो छिछलेदारी होनी थी वह तो हो ही गई है।

 

हालाँकि इस मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा दिल दिखाते हुए स्वागत योग्य , सूझबूझ का परिचय दिया है। मैं उसके लिए उनकी सराहना करना चाहूंगा और उन्होंने अपनी पार्टी को आंशिक रूप से फजीहत से बचा लिया। 

गौतलब हो कि बीते दिन कुमायूँ मंडला के भीमताल दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की उम्र को लेकर टिप्पणी की थी। हालांकि उन्होंने यह बयान इंदिरा हृदयेश के उस बयान के परिपेक्ष्य में दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ भाजपा विधायक उनके संपर्क में हैं। इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत ने कहा कि भाजपा का कोई विधायक या मंत्री कांग्रेस के संपर्क में नहीं है। 

 

भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के इस बयान के सोशल मीडिया में वायरल होते ही कड़ी प्रतिक्रियाएं आने लग गईं। मामला देर रात दिल्ली प्रवास पर अपने इलाज कराने के बाद ठीक हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में आया तो उन्होंने ट्वीट के जरिए भगत के बयान से हुए नुकसान की भरपाई की पूरी कोशिश करते हुए बयान पर दुख जताते हुए नेता प्रतिपक्ष से व्यक्तिगत रूप से क्षमा मांगी। 

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