महिला डॉक्टर पर नाबालिग के शोषण मामले में मुकदमा
- बाल आयोग की अध्यक्ष को दिया बच्ची ने बयान
- चिकित्सक और एक समय का ही देती थी खाना
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: देहरादून की पॉश कॉलोनी रेसकोर्स वैली से एक महिला चिकित्सक के घर से 11 साल की बच्ची बरामद की गई। बच्ची को कुछ दिन पहले ही चिकित्सक ने घरेलू काम कराने के लिए लखीमपुर खीरी से बुलवाया था। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम को बच्ची ने बताया कि डाक्टर उससे घर का काम कराती थी और जमीन पर सुलाती थी। खाना भी एक समय ही देती थी। बाल आयोग ने बच्ची को बालिका निकेतन भेज दिया है। वहीं, बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ की ओर से शहर कोतवाली में चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
शनिवार सुबह करीब सवा नौ बजे बच्ची को बैग लेकर रोते-सुबकते रेसकोर्स वैली के गेट से बाहर जाते देखा गया। गेट पर तैनात गार्ड ने उसे रोका तो वह तेज-तेज से रोने लगी और कहने लगी कि उसे घर जाना है। गार्ड ने पूछा कि वह यहां किसके घर रहती है। बच्ची ने बताया कि वह फ्लैट संख्या 624 में डॉ.पल्लवी सिंह के घर पर रहती है, लेकिन वह बहुत तंग करती हैं। बच्ची को देख आसपास के फ्लैट में रहने वाले भी आ गए। तभी डॉ.पल्लवी गेट पहुंचीं और बच्ची से दोबारा घर चलने के लिए कहने लगीं, लेकिन बच्ची वहां खड़ी एक अन्य महिला से लिपट गई और चिल्लाने लगी कि उसे पल्लवी के साथ नहीं जाना।
इसकी जानकारी मिलने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्य सुधीर भट्ट, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल रेसकोर्स वैली पहुंच गए और बच्ची को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया।
आयोग की अध्यक्ष ने डॉ.पल्लवी को बुलाया और उनसे पूछताछ की। उन्होंने बताया कि बच्ची को घर का काम कराने के लिए नहीं, बल्कि लखीमपुर खीरी में रहने वाले उनके एक रिश्तेदार की रिश्तेदार है। बच्ची यहां घूमने के लिए आई है। संतोषजनक जवाब न देने पर आयोग की अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई और बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक सुरेश उनियाल को बच्ची के साथ शहर कोतवाली भेज दिया। यहां उनकी तहरीर पर पुलिस ने चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। बच्ची का दून मेडिकल कॉलेज में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद बालिका निकेतन भेज दिया।