RUDRAPRAYAG
मेले हमारी संस्कृति की है पहचानः डाॅ. रावत

- -पांच दिवसीय रुद्रनाथ महोत्सव का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ आगाज
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

नगर पालिका रुद्रप्रयाग की ओर से गुलाबराय मैदान में पांच दिवसीय रुद्रनाथ महोत्सव का रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ आगाज हुआ। पहले दिन स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों का दर्शकों ने देर सांय तक आनंद लिया। इस अवसर पर प्रदेश के काबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचकर दीप प्रज्वलित कर शुभांरभ किया। उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजन से संस्कृति की पहचान होती है।
रुद्रनाथ महोत्सव को भव्य रूप देने में नगर पालिका ने कोई कोर कसर नहीं रखी है। जिले की जनता को मेले का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, इनका लाभ उठाना चाहिए। मेले में सरकारी विभागों के स्टाॅल लगे हैं, जहां पर योजनाओं की जानकारी ली जा सकती है। इससे पहले जिपं अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, नगर पालिका अध्यक्ष गीता झिंक्वाण एवं नगर के कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने माल्यापर्ण कर डॉ हरक का स्वागत किया।
पूर्व नपा अध्यक्ष देवेंद्र सिंह झिंकवाण ने स्वागत में अभिनंदन पत्र और माल्यापर्ण कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह जिला डॉ हरक सिंह की बदौलत मिला है। उन्होंने गुलाबराय होते हुए पुनाड़ औंण तक मोटर मार्ग की स्वीकृति की मांग की। इस मौके पर जिपंअ सुश्री लक्ष्मी राणा ने अतिथि स्वागत के बाद कहा कि जखोली में सैनिक स्कूल और कृषि महाविद्यालय डॉ हरक सिंह के प्रयासों से ही मिला है, मगर इसके आज बुरेहाल हैं। उन्होंने मंत्री से इन दोनों संस्थानों के पुनरोत्थान के लिए सकारात्मक कार्रवाई की मांग की।

मंच का संचालन युवा नेता बष्टी जगवाण द्वारा किया गया। इस मौके पर सभासद अंकुर खन्ना, लक्ष्मण सिंह, सुरेंद्र रावत, प्रभारी ईओ संजय रावत, चन्द्रशेखर चैधरी, जिपं उपाध्यक्ष लखपत भंडारी, जिपंस गोपाल पंवार, योगम्बर सिंह नेगी, प्रदीप चैधरी, मान सिंह जगवाण, पूर्व सभासद पंकज बुटोला, ओपी सेमवाल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जनता मौजूद थी।
रुद्रनाथ महोत्सव में स्थानीय लोक गायक कुलदीप कप्रवाण, नवीन सेमवाल एवं पूनम सती ने अपने गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। देर शाम तक चले कार्यक्रम में तीनों लोक गायकों ने शानदार प्रस्तुतियां दी। लोक गायक कुलदीप कप्रवाण ने मेरी राजुला, कमला बठिणा, हे रूड़ी सहित कई गीतों की प्रस्तुति दी, जबकि नवीन सेमवाल और पूनम सती ने बामणी और सुण ले जरा गीत गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।